राहु आपके फैसलों को करता है प्रभावित, जानें अशुभ होने के संकेत और आसान उपाय
राहु का अपना कोई भौतिक अस्तित्व नहीं होता है। यह एक छाया ग्रह है लेकिन छाया ग्रह होते हुए भी कुण्डली पर अपना अत्यधिक प्रभाव बनाये रखता है। राहु सदा अशुभ प्रभाव नहीं देता है। आधुनिक समय में बहुत सी नई टेक्नोलॉजी राहु के अधिकार क्षेत्र में आती है। इसलिए हम इसे सदा अशुभ नहीं मान सकते हैं। हां, यह अवश्य है कि कई बार स्वास्थ्य के नजरिये से यह ऎसी बीमारी दे देता है जिसका निवारण देर से हो पाता है। इसकी दशा/अन्तर्दशा में व्यक्ति की बुद्धि कुछ भ्रमित सी रहती है। व्यक्ति कई ऎसे निर्णय ले लेता है जिसके लिए उसे भविष्य में पछताना पड़ सकता है। सही और गलत में अंतर करना मुश्किल हो जाता है।
राहु के कुप्रभाव को दूर करने के लिए राहु के मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। इस मंत्र का जाप रात के समय करना चाहिए और शनिवार से मंत्र जाप आरंभ करने चाहिए।
राहु के अशुभ होने के संकेतअगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो आपको मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, स्वयं की कार्यक्षमता को लेकर गलतफहमी, आपसी तालमेल में कमी, बात-बात पर क्रोधित होना, वाणी का कठोर होना और व्यक्ति सामान्य बातचीत में भी अपशब्द का उपयोग करने लगता है। साथ ही अगर आपकी कुंडली में राहु की स्थिति अशुभ हो तो आपके हाथ के नाखून अपने आप टूटने लगते हैं।
राहु के लिए करें इस मंत्र का जापह्रीं अर्धकायं महावीर्य चंद्रादित्य विमर्दनम्.सिंहिका गर्भ संभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्.ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:..ऊँ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि तन्नो राहु प्रचोदयात्.राहु के लिए इस मंत्र का जाप रात के समय करना चाहिए। घर के मंदिर में कालभैरव या शिवजी का पूजन करें। यहां बताए गए राहु मंत्र का जाप रात में 18,000 बार और लगातार 40 दिन तक करना चाहिए। इसके अलावा राहु के लिए कुछ अन्य मंत्र भी:राहु का वैदिक मंत्रऊँ कयानश्चित्र आभुवदूतीसदा वृध: सखा . कयाशश्चिष्ठया वृता . राहु का तांत्रोक्त मंत्र
ऊँ ऎं ह्रीं राहवे नम:ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:ऊँ ह्रीं ह्रीं राहवे नम: नाम मंत्र – ऊँ रां राहवे नम:राहु का पौराणिक मंत्र –ऊँ अर्धकायं महावीर्य चन्द्रादित्यविमर्दनम .सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम ..इन चीजों का कर सकते हैं दान-राहु के लिए गोमेद, सोना, सीसा, तिल, सरसों का तेल, नीला कपड़ा, काला फूल, तलवार, कंबल, घोड़ा, सूप आदि चीजों का दान कर सकते हैं।
-ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी
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