- कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री ने जताई मार्च 2019 तक आधे एटीएम बंद होने की आशंका

- शहर में पहले ही महीनों से बंद चल रही कई मशीनें तो कहीं रहती कैश कि किल्लत

GORAKHPUR: कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री ने आशंका जताई है कि मार्च 2019 तक आधे एटीएम बंद हो जाएंग। लेकिन शहर का हाल देखें तो यहां पहले से ही ऐसे हालात दिख रहे हैं। कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री की चेतावनी से पहले ही शहर के 10 फीसदी एटीएम बंद हो चुके हैं। इसके अलावा दर्जन से अधिक एटीएम्स टेक्नीकल फॉल्ट के कारण खराब पड़े हैं जिससे पब्लिक को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। हालांकि बैंक के अधिकारी इस बात से पूरी तरह इनकार कर रहे हैं कि शहर में एटीएम के बंद होने और कंफेडरेशन की ओर से जाहिर आशंका में कोई रिश्ता है। उधर, एटीएम खराबी, कैश की कमी और उनके बंद होने के कारण शुक्रवार को भी लोग परेशान नजर आए। बता दें, शहर में पहले से ही 15 प्रतिशत एटीएम सर्विस से बाहर थे, लेकिन एटीएम के बंद होने के कारण समस्या बढ़ गई है। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि कंफेडरेशन की आशंका के मुताबिक अगर आधे एटीएम बंद हो गए तो गोरखपुराइट्स को कितनी परेशानी झेलनी पड़ेगी।

नोटबंदी की मार ने किया बीमार

आठ नवंबर को केंद्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी को भले ही दो साल गुजर गए हैं लेकिन उसकी मार का प्रभाव अर्थव्यवस्था पर अभी भी कायम है। गोरखपुराइट्स अभी कैश की किल्लत से उभर भी नहीं पाए थे कि एटीएम बंदी की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। कंफेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि नोटबंदी के बाद जारी हुए नए नोटों के कैसेट को चेंज करने में काफी खर्च आ रहा हैं जिसे इक्ट्ठा करने में समस्या हो रही है। साथ ही कैश लाने-ले जाने का खर्च भी वहन करना कंफेडरेशन के लिए मुश्किल होता जा रहा है।

हजारों होंगे बेरोजगार

शहर में इस समय 30 से अधिक बैंकों के 499 एटीएम हैं। जिनमें कैश डालने व निकालने की देखभाल करने से जुड़े हजारों लोगों का रोजगार चल रहा है। ऐसे में ्गर आधे एटीएम बंद होते हैं तो हजारों लोगों के रोजगार प्रभावित होंगे। एटीएम से कैश निकालने के लिए शहर के रुरल एरिया के लोग ज्यादा यूज करते हैं। एटीएम बंद होने के कारण इन सभी लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। एक बार फिर से बैंक में कैश निकासी के लिए खड़े लोगों की लाइन लंबी हो जाएगी।

बैंकों पर बढ़ेगा दबाव

एटीएम की संख्या कम होने से कैश की निकासी के लिए बैंक की शाखाओं पर अधिक दबाव पड़ेगा। कैश निकासी के लिए बड़े पैमाने पर लोग एटीएम पर निर्भर रहते हैं। जिसके कारण प्रतिदिन एटीएम से 20 से 25 करोड़ रुपए की निकासी हो जाती है। शहर में एसबीआई एटीएम सबसे अधिक 161 हैं जिनमें से औसतन रोजाना 4 से 5 करोड़ रुपए की निकासी हो जाती है। ऐसे ही पंजाब नेशनल बैंक से 2 से 3, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 3, इलाहाबाद से 1 से 2 व अन्य एटीएम से भी 10 से 15 करोड़ तक निकासी हो जाती है।

अधिकारी कर रहे इनकार

शहर में खराब और बंद पड़े एटीएम के पीछे कंफेडरेशन की ओर से जारी चेतावनी के बीच क्या रिश्ता है? यह सवाल पूछने पर बैंक अधिकारी इससे इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि जो एटीएम बंद हैं वह तकनीकी कारणों से हैं जिन्हें जल्दी ही ठीक कर लिया जाएगा। कंफेडरेशन की चेतावनी के बारे में लीड बैंक मैनेजर ने बताया कि एटीएम बंद करने से पहले तय किया जाए कि पब्लिक की सुविधानुसार कहां का एटीएम बंद किया जाए।

बैंक ब्रांच एटीएम

एसबीआई 74 161

बैंक ऑफ बड़ौदा 9 18 पीएनबी 40 80

इलाहाबाद बैंक 26 17 यूनियन बैंक 19 41

सेंट्रल बैंक 17 15 यूको बैंक 14 11

केनरा बैंक 11 15 ओरियंटल बैंक 6 6

बैंक ऑफ इंडिया 4 9 सिंडिकेट बैंक 7 6

पूर्वाचल बैंक 75 0 अन्य 64 120

वर्जन

एसबीआई के जो एटीएम बंद हैं वह तकनीकी खामियों के कारण बंद हैं। जल्दी ही उन्हें ठीक करवा फिर से चालू कर दिया जाएगा।

- प्रकाश चंद बरोड़ा, डीजीएम एसबीआई

कंफेडरेशन ने चतावनी जारी की है गोरखपुर में अभी उसका कोई प्रभाव नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में इसका प्रभाव पड़ सकता है।

- महेश प्रसाद गुप्ता, लीड बैंक मैनेजर

कोट्स

रिलेटिव को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज करवा कर घर ले जा रहे हैं। 1.5 लाख रुपए की जरूरत है। 4-5 एटीएम लेकर पूरा शहर घूम डाला लेकिन पैसे नहीं मिले।

- योगेन्द्र, प्रोफेशनल

मार्केटिंग के लिए कैश की जरूरत थी। काफी देर से एटीएम के चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

- राजेश मिश्रा, प्रोफेशनल

Posted By: Inextlive