कानपुर में खौफ पैदा करने के लिए कोचिंग संचालक पर हमला!
kanpur@inext.co.inKANPUR : सीसामऊ में कोचिंग संचालक पर हुए जानलेवा हमले में पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस हमलावरों की पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इधर, एक और कोचिंग संचालक पर जानलेवा हमले से काकादेव कोचिंग मंडी में हड़कंप मच गया। कोचिंग मंडी में पूरे दिन चर्चा होती रही कि कोचिंग संचालक पर किसने और क्यों हमला किया? कुछ लोग इसे आपसी प्रतिस्पर्धा से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ लोग कोचिंग संचालक को डराने के लिए हमला कराने का शक जता रहे है। कार से पत्नी के साथ जा रहे थे
कल्याणपुर कैलाश विहार निवासी गजेंद्र सिंह नेगी कोचिंग संचालक हैं। इनकी काकादेव में कोचिंग है। साथ ही इनका एक गेस्ट हाउस भी है। वह शनिवार शाम को पत्नी के साथ कार से टाटमिल की ओर जा रहे थे। तभी बाइक सवार दो शातिर उनके पीछे लग गए। वे लगातार उनकी कार का पीछा कर रहे थे। गजेंद्र ने पुलिस की मदद लेने के लिए सीसामऊ की शफीगंज पुलिस चौकी के सामने कार रोक दी, लेकिन पुलिस चौकी में ताला लगा होने से उनको मदद नहीं मिल पाई। इस बीच बाइक सवार उनकी कार के पास पहुंच गए। वह कुछ समझ पाते कि इससे पहले बाइक सवार एक शातिर ने पिस्टल निकालकर उसकी बट से ड्राइवर सीट की विंडो तोड़ दी। इसके बाद फायर करने की भी कोशिश की, लेकिन इस बीच वहां पर राहगीरों की भीड़ जमा होने से दोनों भाग गए। पुलिस ने मौके पर जांच करने के बाद रिपोर्ट दर्ज कर ली। कोचिंग मंडी तक दहशत काकादेव कोचिंग मंडी से जुड़े टीचर पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले टीचर अभिषेक दिबोलिया पर जानलेवा हमला हुआ था। अब टीचर नेगी पर हमला होने से कोचिंग मंडी में चर्चा का दौर शुरू हो गया है। कुछ लोगों का कहना है कि कोचिंग संचालक को डराने के लिए हमला किया गया था। बदमाशों का इरादा उनको मारने का नहीं था। अगर उनका इरादा टीचर नेगी को मारने का होता तो वे विंडो को तोडऩे के बजाय गोली भी चला सकते थे। वहीं, कुछ लोग इस हमले के पीछे प्रतिस्पर्धा या अवैध वसूली को वजह मान रहे है।
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