Jamshedpur: सेमिनार हॉल स्टूडेंट्स से भरा हुआ. चाल्र्स डिकेंस जैसे टफ राइटर के बारे में सुनना जानना और समझना. सिर्फ यही नहीं स्टूडेंट्स द्वारा रिसर्च पेपर पढ़ा जाना. यह नजारा उस बात का सपोर्ट नहीं करती कि बीए पार्ट वन के स्टूडेंट्स चाल्र्स डिकेंस की बुक ए टेल ऑफ टू सिटीज सिर्फ इसलिए नहीं पढऩा चाहते कि उन्हें समझना थोड़ा टफ है. करीम सिटी कॉलेज में सेलिबे्रटिंग चाल्र्स डिकेंस : हिज माइंड एंड आर्ट टॉपिक पर ऑर्गेनाइज नेशनल सेमिनार थर्सडे को खत्म हो गया. दो दिनों तक चले सेमिनार में बाहर से आए डेलिगेट्स और कॉलेज के स्टूडेंट्स ने न सिर्फ डिकेंस को जाना बल्कि इंग्लिश के प्रति अपने क्रेज को भी दिखा दिया.

सबसे ज्यादा English में
इंग्लिश के प्रति स्टूडेंट्स के बढ़ते इंट्रेस्ट के बारे में करीम सिटी कॉलेज के इंग्लिश डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो एसएम याहिया इब्राहिम कहते हैं कि किसी भी आट्र्स सब्जेक्ट्स के कंपेरिजन में इंग्लिश ऑनर्स में स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है। उन्होंने बताया कि बीए पार्ट वन इंग्लिश ऑनर्स में 72 स्टूडेंट्स हैं जो मैथ्स और फिजिक्स को छोडक़र यूजी के सभी सब्जेक्ट्स में सबसे ज्यादा है। डॉ इब्राहिम इस बात से भी खुश दिखे कि इंग्लिश ऑनर्स फाइनल ईयर की दो स्टूडेंट्स ने सेमिनार के दौरान पेपर भी पढ़ा। करीम सिटी के अलावा को-ऑपरेटिव कॉलेज के भी एक रिसर्च स्कॉलर ने पेपर पढ़ा। दो दिनों में कुल 39 पेपर्स पढ़े गए।

लेकिन आज उनके बिना अधूरा है साहित्य
सेमिनार के दूसरे और अंतिम दिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से आए डॉ रिजवान खान ने कहा कि कई ऐसे राइटर्स हुए हैं, जिन्हें उनके समय में नहीं समझा गया या कह सकते हैं कि उनकी आगे की सोच को एक्सेप्ट नहीं किया गया। चाल्र्स डिकेंस भी उन्हीं राइटर्स में से एक हैं। डॉ रिजवान ने कहा कि 19वीं सदी के डिकेंस को 21वीं सदी में जानना जरूरी है। उनके बिना आज का लिटरेचर अधूरा है।

इनकी रही मौजूदगी
सेमिनार में बंगाल, बिहार और यूपी से भी पार्टिसिपेंट्स आए थे। इस मौके पर विनोवा भावे यूनिवर्सिटी के डॉ रिजवान अहमद, शांति निकेतन के गौतम घोषाल, वेस्ट बंगाल से कौसतव भट्टाचार्य, सऊदी अरब के नीलोफर रशीद और शाकिबुर रहमान खान, भुवनेश्वर से मौसमी दास, गया से राजेश कुमार, रांची के शायांतनी बनर्जी, जेनेट एंड्रू और सिटी के संजय यादव, वसुंधरा रॉय, प्रियंका त्रिपाठी और खुशवंत सिंह प्रजेंट रहे। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मो। जकारिया ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। प्रोग्राम को कंडक्ट किया प्रो एसएम याहिया इब्राहिम और डॉ नेहा तिवारी ने।

इंग्लिश लिटरेचर के प्रति स्टूडेंट्स का बढ़ता इंट्रेस्ट देखकर खुशी होती है, लेकिन मैं स्टूडेंट्स को कहना चाहता हूं कि वे लिटरेचर को क्लासरूम के एन्वायरमेंट में ही एंज्वॉय कर सकते हैं और तभी वे अच्छा लिख भी पाएंगे। इसके लिए उन्हें पढऩा भी होगा।
- प्रो एसएम याहिया इब्राहिम, एचओडी, इंग्लिश डिपार्टमेंट, केसीसी

Report by: amit.choudhary@inext.co.in

 

 


Posted By: Inextlive