15 दिन में एक भी चौराहा से ऑटो स्टैंड नहीं हटा सके एसपी ट्रैफिक
-ज्वाइनिंग के वक्त किया था दावा, 50 मीटर के दायरे में नहीं खड़े होंगे ऑटो
-चौराहे-तिराहे के कॉर्नर पर खड़े ऑटो बनते हैं ट्रैफिक जाम का कारण BAREILLY: शहर में जब भी कोई नया एसपी ट्रैफिक आता है, तो ट्रैफिक सिस्टम सुधारने के बड़े-बड़े दावे करता है। नवागत एसपी ट्रैफिक ने भी 15 दिन पहले जब पदभार ग्रहण किया, तो चौराहे-तिराहों पर 50 मीटर के दायरे में खड़े ऑटो को हटाकर जाम से मुक्ति दिलाने का दावा किया था। अफसोस की बात है कि चौराहों से ऑटो स्टैंड को 50 मीटर दूर करना तो दूर, एक मीटर भी एसपी ट्रैफिक दायें-बायें नहीं करा सके। पढि़ए चौराहा का सच -सैटेलाइट चौराहा -इस चौराहा पर बस अड्डा है, जिसकी वजह से यहां से रोजाना हजारों यात्री सफर करते हैं। -इस चौराहा का हाल यह है कि चारों ओर सिर्फ ऑटो-टैंपो ही नजर आते हैं।-पीलीभीत बाइपास से शाहजहांपुर रोड मोड़ पर करीब 500 मीटर तक दोनों ओर ऑटो-टैंपो, पिकअप व अन्य वाहन खड़े रहते हैं
-इसकी वजह से शाहजहांपुर की ओर जाने वाले वाहनों को काफी दिक्कत होती है। -इस दौरान रोडवेज बस या कोई बड़ा वाहन आ जाए तो दिक्कत ओर बढ़ जाती है।-शाहजहांपुर रोड से सिटी की ओर ट्रैफिक सिग्नल से पहले 100 मीटर तक रोड पर ऑटो खड़े रहते हैं
-ऑटो वालों की वजह से पीछे से आ रहे वाहन फंस जाते हैं और तब तक सिग्नल रेड हो जाता है -इसी तरह का हाल सेटेलाइट बस अड्डे के दोनों ओर सड़क पर रहता है -ऑटो सवारियां भरने के चलते बीच सड़क पर ही खड़े हो जाते हैं -चौराहा पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी, होमगार्ड खड़े तो होते हैं लेकिन सिर्फ नाम के लिए चौकी चौराहा -इस चौराहा पर ही चारों और ऑटो का कब्जा रहता है -चौकी के पास ही ऑटो खड़े होकर सवारियां भरते हैं -सर्किट हाउस की ओर भी ऑटो रास्ता घेर लेते हैं -डीएम आवास की ओर जाने वाले रास्ते भी बीच में ऑटो खड़े रहते हैं -अयूब खां की ओर भी ऑटो वाले बीच सड़क पर ही सवारियां भरते हैं -इस चौराहा से चंद कदम की दूरी पर दामोदर पार्क के पास टेंपो खड़े होते हैं -यह टेंपो भी बीच चौराहा पर खड़े होकर सवारियां भरते हैं -यहां चौकी पुलिस के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस भी सिर्फ तमाशा देखती है चौपुला चौराहा -यह चौराहा शहर का सबसे बिजी चौराहा है-यहां पर ऑटो की वजह से रास्ता ब्लॉक हो जाता है
-चारों तरफ बीच चौराहे पर सवारियां भरी जाती हैं
-ऑटो अचानक सवारियों के चलते मुड़ते हैं -सुभाषनगर वाले रास्ता तो पूरी तरह से ऑटो वालों के कब्जे में रहता है -किला की ओर आने और जाने वाले रास्ते पर भी ऑटो खड़े रहते हैं -बिहारीपुर जाने वाले रास्ते पर ऑटो की वजह से बाइक तक फंस जाती है -चौराहा से चंद कदम की दूरी पर एसपी ट्रैफिक और ट्रैफिक पुलिस का ऑफिस है -यहां भी कई पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती है लेकिन ऑटो कोई नहीं हटवाता इन प्वाइंट्स का भी यही हाल इन तीन चौराहों के अलावा भी मिनी बाइपास तिराहा, कुतुबखाना, कुदेशिया फाटक, इज्जतनगर रेलवे स्टेशन, रेलवे जंक्शन, कचहरी, अयूब खां चौराहा, सिटी स्टेशन, बीसलपुर चौराहा, शहदाना चौक, डेलापीर तिराहा, श्यामगंज चौक, जैसे कई स्थान हैं जहां बीच चौराहा या सड़क पर खड़े होकर ही ऑटो-टैंपो सवारियां भरते हैं, जिसकी वजह से अन्य वाहनों की रफ्तार धीमी हो जाती है। ऐसा नहीं है कि इन चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस मौजूद नहीं रहती है, लेकिन कोई भी इन ऑटो-टैंपो वालों को हटाता नहीं है। शहर में नहीं है एक भी ऑटो स्टैंडऑटो-टैंपो के चौराहा पर खड़ा होने की वजह ऑटो-टैंपो स्टैंड न होना भी है। शहर में नगर निगम की ओर से कोई भी ऑटो स्टैंड नहीं बनाया गया है। इसके अलावा न ही कोई इन ऑटो-टैंपो को खड़े करने की जगह दी गई है। जिसकी वजह से ऑटो चौराहा पर ही खड़़े होते हैं। चौराहे पर खड़े होकर सवारियां भरने का मौका मिलते ही ऑटो-टैंपो वालों की मनमानी शुरू हो जाती है और फिर वह बीच सड़क पर ही खड़े होकर सवारियां भरते हैं।