रिव्यू शुरू करने से पहले ही बता दूं की ये फिल्म मेरे सर के ऊपर से निकल गई। काफी सारी कहानी तो मुझे बार बार हॉल में गूगल करनी पड़ी ये क्या होता है और वो किस बारे में बात हो रही है। जैसा मेरे साथ हुआ आपके साथ न हो इसलिए अवेंजर गैंग की पुरानी फिल्में देखने के बाद ही जाइएगा इस फिल्म को देखने।

कहानी :

कोई है जो आधा दर्जन पत्थरों को ढूंढना चाहता है और इसके सहारे आधी दुनिया खत्म करना चाहता है और उसके रास्ते के कांटे है अवेंजर्स।

 

समीक्षा :

इतना हाइप, इतना हाय हल्ला और उसके बीच में इतने सारे सुपरहीरो जिनमें से किसी किसी के पास तो दो लाइन भी नहीं थी पूरी फ़िल्म में। मैने बचपन मे चाचा चौधरी और नागराज टाइप की कॉमिक पढ़ी हैं, अंग्रेज़ी में अस्ट्रिक्स और अर्चि के अलावा कुछ नहीं पढ़ा इसलिए इन अवेंजर्स की जानकारी मेरी इतनी है जिसके सहारे में पोस्टर में कुछ लोगों को पहचान सका। इसलिए फिल्म को समझने में मुझे बड़ी दिक्कत हुई। आधे से ज़्यादा वक़्त तो मैंने गूगल पे बिताया। पर फिल्म इतनी भव्य और बड़ी है मैंने एक वक़्त पे आकर सोचा, छोड़ो पहले फिल्म देखते हैं। मार धाड़ का मज़ा लेते हैं और फिर से धरती पे आये संकट से लड़ रहे सुपर हीरो फौज को देखते है। फ़िल्म एक विजुअल मास्टरपीस है और टेक्निकल लेवल पर एक शानदार फिल्म है जो आपको ज़रूर आश्चर्य में डाल देगी। फिल्म का 3D कन्वर्शन भी काफी अच्छा है और इस लिहाज से भी ये फिल्म 3D में देखने के लायक है


वर्डिक्ट:

कुल मिलाकर ये फिल्म आप देखने तब ही जाएं जब आप पुरानी सारी मार्वल कॉमिक्स फिल्में देख चुके हों, आपको फिल्म में दिमाग लगाना आसान हो जाएगा और आप फिल्म की भव्यता को सराह पाएंगे। फिर भी इस हफ्ते मिस न करें ये फिल्म।

 

रेटिंग : 3.5 STAR


Review by: Yohaann and Janet

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Posted By: Chandramohan Mishra