रामनगरी अयोध्या में शनिवार को शिवसेना द्वारा संतों का सम्मान समारोह शांतिपूर्वक संपन्न हो गया पर रविवार को विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस समर्थित धर्मसभा को लेकर लोगों में बैचेनी बरकरार है तो वहीं राजधानी में अफसरों के दिल की धड़कन बढ़ी है।

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AYODHYA/ LUCKNOW: रविवार को अयोध्या में कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पुलिस महकमे ने पूरी ताकत झोंक दी है। शनिवार को विवादित परिसर में करीब 18 हजार श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। वहीं शिवसेना समर्थकों द्वारा अचानक देर रात नासिक को वापसी की सूचना ने प्रशासन को थोड़ी राहत दी। फिलहाल पूरी दुनिया की नजरें रविवार की धर्मसभा पर टिकी हैं।

चार्टर्ड प्लेन से आए उद्धव ठाकरे

शनिवार को शिवसेना प्रमुख अपने परिजनों के साथ चार्टर्ड प्लेन से फैजाबाद हवाई पट्टी पर उतरे और संतों के सम्मान समारोह में हिस्सा लिया। उनके साथ शिवसेना के तमाम सांसद भी मौजूद थे। उद्धव ठाकरे रविवार को रामलला के दर्शन के बाद मुंबई वापस चले जाएंगे। वहीं महाराष्ट्र से आए हजारों शिवसैनिक रविवार के बजाय आज रात स्पेशल ट्रेन से नासिक रवाना होंगे। इसकी वजह प्रशासन की रणनीति बताई जा रही है। इसके बाद रविवार को अयोध्या में एक बार फिर धर्मसभा के लिए रामभक्तों का जमावड़ा होगा। इसमें आरएसएस, विहिप समेत तमाम संगठनों के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी की संभावना जताई जा रही है। इस आयोजन के लिए वृहद पैमाने पर तैयारियों को अंजाम दिया गया है। धर्मसभा में करीब तीन लाख लोगो के आने की संभावना जताई जा रही है जो कि 1992 के बाद अयोध्या में सबसे बड़ा जमावड़ा होगा।
नौ कंपनी आरएएफ भेजी
अयोध्या में बढ़ती गतिविधियों के मद्देनजर राज्य सरकार ने शनिवार को नौ कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया है। बाबरी मस्जिद विवाद के मुस्लिम पक्षकारों की सुरक्षा में भी इजाफा कर दिया गया है। पूरी अयोध्या को छावनी में तब्दील किया जा चुका है और इंटेलिजेंस और सुरक्षा शाखा के अफसरों समेत तमाम आलाधिकारियों ने वहां डेरा डाल दिया है। विवादित परिसर की ओर जाने वाले हर रास्ते पर बैरीकेडिंग है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक ही दर्शनाथियों को जाने की अनुमति दी जा रही है। डीजीपी मुख्यालय के अधिकारी पल-पल पर नजरें बनाएं हुए हैं और डीजीपी कंट्रोल रूम को आगामी 26 नवंबर की सुबह तक चौबीस घंटे तक एक्टिव रहने को कहा गया है।
जफरयाब जिलानी ने लिखा पत्र
दूसरी ओर बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के कंवेनर जफरयाब जिलानी ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पत्र लिखा है जिसमें विवादित परिसर को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गयी गाइडलाइंस का सख्ती से अनुपालन कराने की बात कही गयी है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में विहिप और शिव सेना के प्रदर्शन से स्थानीय मुस्लिम भयभीत हैं। साथ ही भरोसा जताया कि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पुख्ता सुरक्षा इंतजाम के लिए आरएएफ, सीआरपीएफ और बीएसएफ की तैनाती की जानी चाहिए।
इस तरह हो रही सुरक्षा
- 09 जोन और 17 सेक्टर में बांटा गया है अयोध्या को
- फैजाबाद पुलिस के अलावा डीजीपी मुख्यालय ने भी दी फोर्स
- 01 एडीजी, एक डीआईजी, तीन एसपी को अयोध्या भेजा गया
- 10 एएसपी, 21 डिप्टी एसपी, 11 इंस्पेक्टर, 160 एसआई भी
- 48 कंपनी पीएसी, नौ कंपनी आरएएफ, 700 सिपाही भी तैनात
- दो एटीएस कमांडो टीम और ड्रोन कैमरे भी भेजे गये
24 घंटे नजर रख रहा कंट्रोल रूम
- 02 एसपी, दो एएसपी, एक डिप्टी एसपी, तीन इंस्पेक्टर, तीन एसआई और तीन आरक्षी तैनात।
इतने लोगों ने किए दर्शन
- 8927 लोगों ने सुबह सात बजे से 11 बजे तक किए दर्शन
- 8753 लोगों ने दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक किए दर्शन

पुलिस बल और सीएपीएफ तैनात

अयोध्या में व्यापक सुरक्षा प्रबंध हैं। विवादित भूमि की पुरानी व्यवस्था के मुताबिक सुरक्षा है। हमारी कोशिश है कि यह आयोजन शांतिपूर्वक और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न्न हो। यूपी पुलिस का तमाम बड़े आयोजनों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने का गौरवशाली इतिहास रहा है। वहां कानून-व्यवस्था कायम रखने में कोई दिक्कत न आए इसके लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल और सीएपीएफ तैनात की गयी है।
आनंद कुमार, एडीजी, कानून-व्यवस्था

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Posted By: Shweta Mishra