राशनकार्ड नंबर में डिजिट कम, आयुष्मान से वंचित
आयुष्मान योजना के 6 माह बाद भी आयुष्मान कार्ड बनाने में हो रही परेशानी
पुराने राशनकार्डो में कम डिजिट होने के कारण सॉफ्टवेयर नहीं कर रहा एक्सेप्ट देहरादून, राज्य के 23 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा लाभ देने वाली उत्तराखंड अटल आयुष्मान योजना में राशनकार्ड के डिजिट का पेंच फंस गया है। पुराने राशनकार्ड के नंबर में कम डिजिट होने के कारण सॉफ्टवेयर ऐसे राशनकार्ड को एक्सेप्ट नहीं कर रहा है। नतीजा यह हुआ है कि 6 महीने बाद भी लोग इस योजना का कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे हैं। 2014 तक के राशनकार्ड मान्यबीते 25 दिसंबर को राज्य सरकार ने राज्य के सभी 23 लाख परिवारों को हर वर्ष 5 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज देने की योजना लांच की। जिसमें कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड को आधार बनाया गया। 2014 की राशन कार्ड धारकों की लिस्ट को आयुष्मान पोर्टल में अपलोड किया गया। लेकिन, इसमें ऐसे कार्ड छूट गए जो अपडेट नहीं हुए थे। ऐसे राशनकार्ड धारकों को आयुष्मान पोर्टल में पात्र नहीं माना जा रहा है।
केस 1-अपर राजीव नगर में रहने वाले प्रदीप कुकरेती का पुराना राशन कार्ड है। वे आयुष्मान योजना का कार्ड बनाना चाहते हैं, लेकिन जब भी आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए कॉमन सर्र्विस सेंटर पहुंचते हैं, उन्हें यह कहकर वापस भेज दिया जाता है, कि उनके राशन कार्ड में डिजिट पूरी नहीं है, जो आयुष्मान योजना के सॉफ्टवेयर के लिए चाहिए।
केस 2- अजबपुर कलां में रहने वाले साजिद खान 7-8 माह से डीएसओ कार्यालय और कॉमन सर्विस सेंटर के चक्कर काट रहे हैं। साजिद ने बताया कि उनके पिता ने राशन कार्ड बनाया था, लेकिन अब राशन कार्ड होने के बाद भी आयुष्मान कार्ड नहीं बन पा रहा है। केस 3- हर्रावाला की रहने वाली दीपा जोशी दून में अपने 2 बच्चों के साथ रहती हैं। वे आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए महीनों से चक्कर काट रही हैं। दीपा का पुराना राशन कार्ड है, लेकिन डीएसओ कार्यालय से अपडेट नहीं हुआ है। ऐसे में वे राशन कार्ड को अपडेट करने और आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए चक्कर काट रहे हैं।