रांची वीमेंस कॉलेज, रांची कॉलेज और केओ कॉलेज में बीएड की मान्यता रद पर लगी रोक

-नई दिल्ली में एनसीटीई के अधिकारियों के साथ तीनों कॉलेजों के प्रिंसिपल के साथ बैठक में बनी सहमति

RANCHI : रांची कॉलेज, रांची वीमेंस कॉलेज और केओ कॉलेज गुमला के बीएड डिपार्टमेंट के लिए थोड़ी राहत वाली खबर है। इन तीनों कॉलेजेज में सत्र 2015-17 में बीएड की मान्यता रद करने पर एनसीटीई ने फिलहाल रोक लगा दी है। ऐसे में इन कॉलेजेज में इस सेशन में बीएड की पढ़ाई शुरू होने की संभावना है। नई दिल्ली में एनसीटीई के अधिकारियों के साथ इन तीन कॉलेजेज के प्रिंसिपल के साथ हुई बैठक के दौरान ये उम्मीद जगी है।

कॉलेजेज ने रखा अपना पक्ष

एनसीटीआई नई दिल्ली में मीटिंग के दौैरान रांची कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ यूसी मेहता ने कहा कि बीएड कोर्स को लेकर एनसीटीई ने जो मानक निर्धारित किए हैं, उसे कॉलेज पूरा करती है। जहां तक दो साल के बीएड कोर्स की बात है, सभी जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर व फैसिलिटीज निर्धारित समय के अंदर पूरी कर ली जाएगी। पूरा कर लेंगे।

कर दी गई थी मान्यता रद

रांची यूनिवर्सिटी के अधीन आनेवाले रांची कॉलेज, रांची वीमेंस कॉलेज और केओ कॉलेज गुमला में सेशन 2015-17 के बीएड कोर्स की मान्यता मानक पूरा नहीं करने के कारण एनसीटीई भुवनेश्वर ने रद कर दी थी। एनसीटीई ने स्टेट गवर्नमेंट को लेटर लिखा था कि तीनों कॉलेजों ने बीएड कोर्स के मानकों को पूरा नहीं करती है.गौरतलब हो कि 2006 में अंगीभूत कॉलेजों में बीएड कोर्स की पढ़ाई शुरू करने के लिए एनसीटीई के पास प्रस्ताव भेजा गयाथा। उस समय एनसीटीई ने शर्त रखी थी कि बीएड कोर्स के लिए अलग बिल्डिंग होने के साथ टीचर्स व नॉन टीचिंग स्टाफ्स की स्थायी बहाली होनी चाहिए, लेकिन इन तीनों ही कॉलेज में बिना अपनी बिल्डिंग के ही बीएड की पढ़ाई शुरू कर दी गई थी।

बीएड कोर्स के लिए ये हैं मानक

-अलग बिल्डिंग का होना

-प्रिंसिपल व एचओडी की अलग से नियुक्ति

-सात शिक्षकों की स्थायी बहाली

-कोर्स के लिए अलग बिल्डिंग

-लैब व लाइब्रेरी की व्यवस्था

-बेहतर क्लासरुम

रांची वीमेंस कॉलेज और केओ कॉलेज की है अलग बिल्डिंग

रांची वीमेंस कॉलेज और केओ कॉलेज गुमला ही ऐसे कॉलेज हैं,जहां बीएड कोर्स के लिए अलग बिल्डिंग है। हालांकि, इन तीनों कॉलेज में ही टीचर्स की बहाली कांट्रैक्ट के बेसिस पर हुई है। इस बाबत यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि टीचर्स की बहाली के लिए स्टेट गवर्नमेंट के पास प्रपोजल भेजा जा चुका है, पर मामला लंबित है।

Posted By: Inextlive