- सात घंटे तक सीएम का करते रहे इंतजार

- सीएम के न पहुंचने पर आयोग के अध्यक्षों ने किया पुरस्कृत

DEHRADUN: बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कार्यक्रम में छात्रों को 'प्रताड़ना' झेलनी पड़ी। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से पुरस्कार मिलने से उत्साहित छात्र 7 घंटे तक सीएम के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन सीएम नहीं आए। ऐसे में छात्रों को निराशा हुई। इसके बाद आयोग के अध्यक्षों ने छात्रों को पुरस्कार वितरित किए। यही नहीं सीएम के न आने की खबर सुनते ही मौजूद अधिकारी भी खिसकने लगे।

12 राज्यों के अध्यक्ष पहुंचे

उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बाल शिक्षा एवं सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय राष्ट्र स्तरीय कार्यशाला का आयोजन ओएनजीसी स्थित एमएन घोष ऑडिटोरियम में किया गया। इस कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ समेत कुल 12 राज्यों के अध्यक्षों ने हिस्सा लिया।

चंडीगढ़ को बताया मिसाल

सेमिनार में सभी राज्यों के अध्यक्षों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए कार्यो के बारे में बताया। इसमें सबसे बेहतर कार्य चंडीगढ़ बाल आयोग की अध्यक्ष हरजिंदर कौर की ओर से किया गया है। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में पॉक्सो एक्ट का सख्ती से पालन हो रहा है। बताया कि चंडीगढ़ चाइल्ड फैमिली स्टेट है। जहां चाइल्ड फैमिली हॉस्पिटल हैं, चाइल्ड फैमिली स्कूल हैं।

चंडीगढ़ से लें सीख

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ ने कहा कि सभी राज्यों को चंडीगढ़ से सीख लेनी चाहिए। कहा कि पहले तो आयोग के पदाधिकारी स्वयं ही पॉक्सो एक्ट की स्टडी करें फिर आम लोगों को भी इस ओर जागरूक करें। कहा कि अभिभावकों को बच्चों के साथ एब्यूज नहीं करनी चाहिए। उन्होंने दून के शिशु और बालिका निकेतन के मामलों पर कहा कि यहां की शिकायतें उन तक पहुंची थी, जिन पर गंभीरता दिखाते हुए आयोग के अध्यक्ष से रिपोर्ट मांगी गई थी।

सीएम का करते रहे इंतजार

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के हाथों पुरस्कार पाने के इंतजार में शिक्षकों और छात्रों को निराश होना पड़ा। दरअसल गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए हर जिले से एक शिक्षक और 11 टॉपर छात्रों को पुरस्कृत किया जाना था। करीब सात घंटे तक बच्चे और शिक्षक सीएम का इंतजार करते रहे लेकिन, सीएम कार्यक्रम में नहीं आए। ऐसे में आयोग के अध्यक्षों ने ही इन्हें सम्मानित किया।

इनका हुआ सम्मान

शिक्षकों में अल्मोड़ा से पूनम शाह, पिथौरागढ़ से चंद्र शेखर जोशी, दून से अरूणिमा शर्मा, रुद्रप्रयाग से गिरीश बडोनी, बागेश्वर से बंशीधर जोशी, नई टिहरी से प्रमोद कुमार, उत्तरकाशी से ध्यान सिंह रावत, यूएसनगर से गायत्री पांडेय, चमोली से घनश्याम ढौंडियाल, चंपावत से नरेश चंद्र, नैनीताल से दीपा जोशी, पौड़ी से चंद्र किरण और हरिद्वार से पंकज कुमार चौहान को पुरस्कृत किया गया।

इन छात्रों को किया सम्मानित

मदरसा बोर्ड के मौहम्मद साकिब, शमा सिद्दकी, मौहम्मद फरीद, मौहम्मद शाबान, उस्मान अली, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की आईशा, हर्ष व‌र्द्धन, अजय विक्रम, मेघा, निकिता, हर्ष कुमार को पुरस्कृत किया गया। इसके साथ ही सामाजिक उद्यमी अनुष्का, बाल विधायक जानवी राणा, हरितिका, चिराग पंत, हर्ष बोरा, कशिश नारंग को भी पुरस्कार दिया गया।

ये रहे उपस्थित

बाल आयोग के अध्यक्षों में वेस्ट बंगाल से अनन्या चतुर्वेदी, केरल से सीजे एंटनी, मणिपुर से सुमति, चंड़ीगढ़ से हरजिंदर कौर, राजस्थान से मनन चतुर्वेदी, दिल्ली से रमेश नेगी, झारखंड से आरती, छत्तीसगढ़ से प्रभा दुबे, हिमाचल से किरण भाटा सहित उत्तराखंड राज्य बाल आयोग के सदस्य सीमा डोरा, शारदा त्रिपाठी, शैलेंद्र करगेगी आदि उपस्थित थे।

Posted By: Inextlive