टैक्स जमा होने पर भी तहसील से जारी हो रहे रिकवरी नोटिस

बाबूओं की गलती का खामियाजा भुगत रहे वाहन स्वामी

Meerut। आरटीओ कार्यालय में बाबूओं की लापरवाही का खामियाजा वाहन स्वामियों को भुगतान पड़ रहा है। बाबूओं की गलती के चलते टैक्स जमा होने के बाद भी कामर्शियल वाहन मालिकों को तहसील के माध्यम से न सिर्फ रिकवरी नोटिस जारी हो रहा है, बल्कि तहसील के डिफाल्टरों की सूची में नाम भी शामिल हो रहा है। वहीं बाबू अपनी इस गलती को छुपाने के लिए अब जमा टैक्स को एडजस्ट करने में जुट गए हैं।

ऑनलाइन फीडिंग के फेल

दरअसल विभाग के बाबूओं की लापरवाही के चलते वाहन मालिकों को इस परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभाग में सालों से जमे बाबू टैक्स संबंधी ऑनलाइन प्रक्रिया से अंजान हैं इसके लिए सभी बाबूओं ने अपने निजी आपरेटर रखे हुए हैं जो समय से जमा टैक्स या अन्य शुल्क को फीड नही करते। ऐसे में कई बार वाहन मालिकों का टैक्स का डाटा फीड नही हो पाता।

अब केवल एडजस्ट का बहाना

अपनी गलती सामने आने पर टैक्स विभाग के बाबू ने गलती छिपाने के लिए आवेदकों को तहसील में जमा टैक्स को अगले साल के टैक्स में एडजस्ट करने का विकल्प दे रहे हैं लेकिन यह कैसे होगा इसकी जानकारी खुद उन्हें भी नही है।

इस संबंध में अभी जानकारी नही है यदि ऐसा हुआ है तो संबंधित विभाग के बाबू से जानकारी लेकर गलती पर एक्शन लिया जाएगा।

श्वेता वर्मा, एआरटीओ

केस नंबर 1

एक साल पहले जमा टैक्स की भेजी रिकवरी

कासमपुर निवासी सुमित कुमार ने कामर्शियल कार का एक साल पहले 14,850 रुपए टैक्स जमा कर दिया था। इस टैक्स के जमा होने के साल भर बाद तहसील द्वारा गत माह सुमित को टैक्स जमा न होने पर रिकवरी नोटिस भेज दिया गया। सुमित ने विभाग में पता किया तो वहां टैक्स जमा न होने की जानकारी दी गई जब सुमित ने अपने जमा टैक्स की एक साल पुरानी रसीद दिखाई तो संबंधित विभाग के बाबू के हाथ-पांव फूल गए। हालांकि बाबू ने अपनी गलती न मानते हुए कंप्यूटर फीडिंग की गलती बताकर पल्ला झाड़ लिया।

केस नंबर 2

सरेंडर वाहन का जारी हुआ पेनल्टी नोटिस

अजंता कालोनी निवासी संत सिंह की गाड़ी की दो साल पहले 2016 में आयु पूरी होने के कारण विभाग द्वारा फिटनेस न देकर सरेंडर करा दी गई थी। दो साल से गाड़ी का संचालन नही हो रहा था, लेकिन अचानक इस माह आरटीओ विभाग द्वारा संत सिंह को दो साल की पेनल्टी समेत 55 हजार रुपए का रिकवरी नोटिस भेज दिया गया। नोटिस में दो साल से गाड़ी की फिटनेस न कराने का जुर्माने समेत 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया गया। अब वाहन मालिक अपने वाहन की सरेंडर एप्लीकेशन की कापी लेकर विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।

केस नंबर 3-

बिना रिमाइंडर जारी कर दिया वसूली नोटिस

शास्त्रीनगर निवासी हरी मसीह की कामर्शियल गाड़ी का सालभर पहले एडवांस टैक्स जमा होने के बाद भी वाहन मालिक को बिना रिमाइंडर नोटिस भेजे सीधा वसूली का नोटिस जारी कर दिया गया। विभाग में जब रिकवरी नोटिस की जानकारी ली गई तो पता चला कि हर माह उनको रिमाइंडर नोटिस भेजा गया लेकिन वाहन मालिक तक वह नोटिस नही पहुंचा। रिमाइंडर नोटिस ना मिलने के कारण एक साल की पेनल्टी समेत टैक्स देना पड़ गया।

Posted By: Inextlive