-चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के मजिस्ट्रेट ने बच्चा चोरी में एफआईआर का दिया था आदेश

-मजिस्ट्रेट ने जताई नाराजगी, एसएचओ को देंगे नोटिस, पुलिस ने वादी बदला

BAREILLY: किला के खन्नू मोहल्ला से रेस्क्यू 3 वर्षीय बच्चे आरुष के मामले में पुलिस ने बड़ी गलती कर दी। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के मजिस्ट्रेट ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था और एसएसपी से भी मिले थे। पुलिस ने इस केस में आदेश को ही तहरीर मानकर मजिस्ट्रेट को वादी बना दिया। इस पर मजिस्ट्रेट ने नाराजगी जाहिर की है। मजिस्ट्रेट इस मामले एसएचओ किला को नोटिस भेजेंगे और एसएसपी से शिकायत करेंगे। वहीं पुलिस ने मामला बिगड़ता देख आनन फानन में बच्चे को रेस्क्यू कराने वाले चाइल्ड लाइन के प्रभारी गजेंद्र गंगवार से तहरीर ली है और अब एफआईआर में गजेंद्र गंगवार को वादी बनाया है।

किला थाना को दिया था आदेश

बता दें कि खन्नू मोहल्ला से चाइल्ड लाइन ने सोनू के घर से 3 वर्षीय आरुष को रेस्क्यू कराया था। बच्चे को चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी के सामने पेश किया गया था। यहां बच्चे और पेरेंट्स की काउंसिलिंग के बाद बच्चे को वॉर्न बेबी फोल्ड भेज दिया गया था। उसके बाद मजिस्ट्रेट ने आदेश दिया था कि किला थाना प्रभारी इस मामले में एफआईआर दर्ज करें। उन्होंने एसएसपी से भी मुलाकात की थी। सैटरडे को पुलिस ने बच्चे को रखने वाले सोनू और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से किसी का बच्चा चुराकर देने वाले हॉस्पिटल कर्मचारी दिनेश दिवाकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में मजिस्ट्रेट के आदेश को ही तहरीर मानकर एफआईआर दर्ज कर दी और मजिस्ट्रेट को वादी बना दिया।

सोनू और उसकी पत्‍‌नी फरार

वहीं जिस सोनू के घर से बच्चा रेस्क्यू किया गया था, वह अपनी पत्‍‌नी के साथ घर से फरार हो गया है। थर्सडे के बाद से ही उसका फोन स्विच ऑफ जा रहा है। पुलिस उसके घर पर गई तो सिर्फ घर में पिता महेश व उसकी मां ही मिलीं। सोनू और उसकी पत्‍‌नी कहां हैं, इसका पता नहीं चल सका है। वहीं पुलिस डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के फोर्थ क्लास एंप्लॉयी दिनेश दिवाकर का भी पता नहीं लगा पायी है। अब किला पुलिस मंडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल जाएगी और हॉस्पिटल रिकार्ड से उसका पता करेगी।

Posted By: Inextlive