क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ:रांची से जमशेदपुर जाने वाले टाटा नेशनल हाईवे से पांच किलोमीटर अंदर जाने पर पठारों के बीच बसा है गांव हाहाप. यहां 1352 वोटर हैं. गांव पांच टोलों में विभाजित है. इनमें हाहाप टोला, बेरोड़ी, कोयड़ो, लिवड़ी और हेसापीड़ी शामिल हैं. नेशनल हाईवे से इस गांव तक जाने जहां से नीचे उतरना पड़ता है, वह पांच किलोमीटर लंबी सड़क पूरी तरह बदहाल है. सड़क पर इतने बड़े-बड़े गड्डे हैं कि पांच किलोमीटर की यह दूरी तय करने में घंटो समय लग जाता है. बरसात के दिनों में तो यहां पहुंचना जोखिम भरा है.

टंकी है बड़ी, पर बिजली गुल रहने से भरा नहीं कभी पानी

इस गांव के एंट्री प्वाइंट पर ही सांसद रामटहल चौधरी ने एक बड़ी सी पानी टंकी लगवा दी है, ताकि गांव के लोगों को पीने का पानी मिल सके. लेकिन, उद्घाटन से लेकर अब तक इस टंकी में कभी भी पानी नहीं भर पाया. लोगों का कहना है कि यहां पानी भरने के लिए मोटर लगा है, लेकिन बिजली नहीं रहने के कारण कभी भी इस टंकी में पानी नहीं भर पाता है. इस कारण इस टंकी का कोई फायदा इस गांव को नहीं मिल पा रहा है.

15 दिन में एक बार खुल रहा हेल्थ सेंटर, वो भी सिर्फ दो घंटे के लिए

गांव में एक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र भी है, जो 15 दिन में सिर्फ एक बार खुलता है, वह भी मात्र दो घंटे के लिए. इस गांव के लोगों का कहना है कि इसको लेकर वे लोग कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी कोई सुनता ही नहीं. यहां तक कि सांसद से भी कह चुके हैं कि यहां के हेल्थ सेंटर पर ध्यान दें, लेकिन उनसे भी निराशा ही हाथ लगी. ऐसे में किसी की तबीयत खराब होने पर लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है.

जिस तालाब में नहा रहे, उसी का पानी पी रहे आदर्श गांव के लोग

हाहाप गांव में 100 चापानल लगाए गए थे, लेकिन इनमें से 95 खराब हो चुके हैं. ऐसे में गांव के लोग तालाब में ही नहा रहे हैं और उसी का पानी पीने के लिए भी मजबूर हैं. इस कारण लोगों को पानी से जुड़ी कई बीमारियां भी हो रही हैं. गांव में नए कुएं भी नहीं बनाए गए हैं. जबकि पुराने कुएं सूख चुके हैं. सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जब इस गांव का चयन हुआ, तो लोगों को उम्मीद थी कि इस गांव का अब चौमुखी विकास हो जाएगा. लेकिन सब टांय-टांय फिस्स.

Posted By: Prabhat Gopal Jha