- बोर्ड बैठक में 170 सड़कों के निर्माण को मिल चुकी है मंजूरी

- 77 पुरानी सड़कों का होना था नवीनीकरण वो भी भगवान भरोसे

बरेली : फरवरी में हुई बोर्ड बैठक में पार्षदों ने शहर की बदहाल सड़कों के नवीनीकरण और नई सड़कों के निर्माण के लिए प्रस्ताव रखे थे. बोर्ड बैठक में प्रस्तावों को मंजूरी मिलने के बाद लोगों को लगा कि अब जल्द ही उन्हें सड़कों की बदहाली से निजात मिल जाएगी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका. बैठक होने के कुछ दिन बाद ही लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू हो गई और सड़कों की हालत सुधारने का काम अधर में लटक गया. ऐसे में अब तक लोग बदहाल सड़कों पर ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

54 करोड़ का बजट मंजूर

आगामी वित्तीय वर्ष में सड़कों के निर्माण और मेंटीनेंस के लिए बोर्ड बैठक में 54 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हुआ था. जिससे शहर की सभी मुख्य सड़कों की हालत सुधारने के साथ ही नई सड़कों का भी निर्माण किया जाना है, लेकिन अब तक न टेंडर ही नहीं हो सके हैं. जबकि नए वित्तीय वर्ष का दूसरा महीना शुरू हो चुका है. माना जा रहा है कि अब जून में ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद सड़कों के निर्माण और मेंटीनेंस का काम शुरू हो सकेगा.

इन सड़कों का होना था नवीनीकरण

- शांति विहार से बदायूं रोड हाईवे तक 40 मीटर रोड

- परतापुर जीवन सहाय के दो मोहल्लों में 90 मीटर तक की सड़क

- इंद्रा नगर में 40 मीटर की रोड का नवीनीकरण

- लल्ला मार्केट में भारत सेवा ट्रस्ट के पीछे 20 मीटर सड़क

इन सड़कों का पहले होना था निर्माण

परतापुर जीवन सहाय, कांकर टोला, पुराना शहर, मढ़ीनाथ गली नंबर पांच, शांति बिहार, राजेंद्र नगर के इंद्रा नगर गली नंबर दो. इन सड़कों का निर्माण सबसे पहले कराने की योजना बनी थी. टेंडर प्रक्रिया पूरी करके मार्च में ही इन सड़कों के निर्माण का काम शुरू होना था, लेकिन अब तक कोई अफसर इन सड़कों के सर्वे के लिए भी नहीं पहुंचा है.

आदर्श सड़क का काम भी अधर में

राजेंद्र नगर में सिलेक्शन प्वाइंट टावर के पास बन रही आदर्श सड़क बनाने के लिए एक साल पहले ही योजना बनीं, इसके लिए साढ़े चार करोड़ का बजट भी पास हुआ. काम नवंबर माह में तेजी से शुरु हुआ लेकिन पिछले दो माह से इस सड़क का कार्य भी अधर में लटका हुआ है. निगम का दावा था कि फरवरी तक सड़क का कार्य खत्म कर दिया जाएगा लेकिन यह दावा भी दम तोड़ गया.

पार्षद की बात

1. बोर्ड बैठक में सड़कों के निर्माण के लिए सूची मांगी गई थी, पार्षदों ने अपने अधीनस्थ क्षेत्रों का निरीक्षण कर सड़कों की सूची दे दी. लेकिन टेंडर प्रक्रिया में देरी के चलते निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका.

अवनेश कुमार.

2. मेरे वार्ड में तीन नई सड़कों के निर्माण होना है, लेकिन निगम की ओर से सर्वे करने तक कोई नहीं आया. कई बार अफसरों से बात की लेकिन कोई संतोषनजक जबाव नहीं मिला.

रहीश अब्बासी.

लोगों की बात :::

1. हमने पार्षद से सड़क की मरम्मत कराने के लिए उनके साथ ही निगम में प्रार्थना पत्र दिया छह माह का समय बीत गया लेकिन निगम से सर्वे तक करने कोई नहीं आया.

कृष्ण पाल. राजेंद्र नगर

2. हमारे वार्ड के कई मोहल्लों की सड़कों की हालत जर्जर है. बोर्ड बैठक में पार्षद ने प्रस्ताव रखा तो लगा कि इस बार सड़क की हालत सुधर जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

शिवम अग्रवाल. इंद्रा नगर.

वर्जन :

बोर्ड बैठक के बाद 170 सड़कों का निर्माण कराने की योजना बनीं. अधिकारियों को भेजकर सर्वे कराया गया था. चुनाव के चलते कार्य में देरी हुई है. निर्माण कार्य जल्द आरंभ होगा. प्रस्तावित सड़कों को निर्माण जरुर होगा.

ईश शक्ति सिंह, अपर नगर आयुक्त.

Posted By: Radhika Lala