बाकरगंज में शहर का कूड़ा गिराने पर नाराज लोगों ने किया नगर आयुक्त का घेराव

नियमों के खिलाफ बाकरगंज में कूड़ा गिराने पर नगर आयुक्त संग हुई तीखी झड़प

BAREILLY:

बाकरगंज की पब्लिक ने डंपिंग ट्रेंच में कूड़ा गिराने का विरोध कर दिया है। ऐसे में शहर के कूड़ा उठान पर संकट के बादल घिर गए हैं। विरोध के चलते यदि बाकरगंज में कूड़ा गिरना बंद हो गया तो पूरा शहर कूड़े ढेर पर होगा। थर्सडे को बाकरगंज की पब्लिक ने नगर आयुक्त का घेराव किया। कहा कि, आबादी के बीच कूड़ा गिराना अवैधानिक है। वह इसके खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल 'एनजीटी' के पास ले जाएंगे।

निगम ने कहा जगह दिलाओ

समाज सेवा समिति की अगुवाई में बाकरगंज के महिला, बुजुर्ग और बच्चे भी थर्सडे सुबह 11.30 बजे निगम पहुंचे। समाज सेवा समिति ने बाकरगंज की घनी आबादी के बीच ही खड्ड में शहर का कूड़ा गिराए जाने पर सवाल उठाए। लोगों ने नगर आयुक्त से किसी और जगह को लैंडफिल साइट बनाए जाने की अपील की। जिस पर नगर आयुक्त ने कूड़े के लिए कोई और जगह न होने की बात कह उल्टा लोगों से ही लैंडफिल के लिए 15 किमी दूर कोई जगह तलाशने को कहा, जिससे लोग खफा हो गए।

तो अवैध है लैंडफिल साइट

समाज सेवा समिति के सचिव नदीम शमसी ने निगम की लैंडफिल साइट को गैरकानूनी करार दिया। कहा मैनेजमेंट ऑफ सॉलिड वेस्ट रूल्स 2000 के मुताबिक लैंडफिल साइट आबादी व एयरपोर्ट से 20 किमी की दूरी पर होनी चाहिए। लेकिन बाकरगंज में आबादी के बीच ही कूड़ा गिराया जा रहा और यह जगह त्रिशूल एयरबेस से सिर्फ 7 किमी दूर है। वहीं लैंडफिल साइट के लिए एक ही जगह का लाइसेंस 25 साल तक ही पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से लिया जा सकता है। जबकि बाकरगंज की लैंडफिल साइट में 40 साल से ज्यादा समय से निगम कूड़ा डंप कर रहा।

बाकरगंज बनेगा नर्क सिटी

कूड़ा गिराए जाने का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों ने ईद के मौके पर ईदगाह में 'खड्ड बाकरगंज नर्क सिटी बरेली' का बैनर लगाया था। इससे ईद पर निगम की बहुत किरकिरी हुई और नगर आयुक्त ने नाराजगी दिखाई। थर्सडे को इसी बात पर नगर आयुक्त व समिति के सचिव की जमकर झड़प हो गई। इस पर लोगों ने निगम के खिलाफ विरोध बंद न करते हुए पूरे बाकरगंज में नर्क सिटी बरेली के बैनर लगाने की चेतावनी दी। नगर आयुक्त से बहस तेज होने पर लोगों ने जेल भेजवाए जाने की धमकी के बावजूद आंदोलन खत्म न करने की चेतावनी दी।

पीला हुआ इलाके का पानी

बाकरगंज इलाके की कुल आबादी करीब 18 हजार से ज्यादा है। जिसमें 8 हजार से ज्यादा लोग बाकरगंज पर बने कूड़े के पहाड़ के बीचों-बीच रह रहे हैं। हर दिन शहर का करीब 300-325 मीट्रिक टन कूड़ा बाकरगंज में गिराया जा रहा। इस तरह देखें तो पिछले एक साल में करीब 1.10 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बाकरगंज खड्ड में गिराया जा चुका है। मानसून सीजन में कूड़े पर पानी गिरने से इलाके में टीबी, दमा, मलेरिया और डायरिया जैसी बीमारियों से बच्चे-बूढ़े सब बड़ी तादाद में पीडि़त हो रहे। वहीं एरिया का अंडरग्राउंड पानी भी गंदा व पीला अाता है।

खतरे में डोर टू डोर मुहिम

शहर में साल 2013 में केन्द्र व राज्य सरकार की साझा योजना में रजउ परसपुर एरिया में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनाया गया। इसका मकसद शहर से रोजाना निकलने वाले 300 मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़े को बाकरगंज की बजाय प्लांट में डिस्पोज करना और इससे कंपोस्ट तैयार करना था। लेकिन 2014 में प्लांट के खिलाफ एनजीटी में दायर की गई रिट के आधार और पीसीबी की ओर से एनओसी रद किए जाने से यह बंद हो गया। इससे निगम के पास कोई और डंपिंग जोन न होने से बाकरगंज में एक बार फिर शहर का कूड़ा गिराया जाना शुरू हो गया। बाकरगंज में भी कूड़ा न गिराए जाने की सूरत में 2 अक्टूबर से शहर में लागू हो रही निगम की ड्रीम योजना डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन मुहिम को झटका लग सकता है।

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बाकरगंज के लोगों ने कूड़ा गिराए जाने पर विरोध जताया है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बंद होने के बाद निगम के लिए बाकरगंज खड्ड में कूड़ा गिराना मजबूरी है। प्लांट का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। निगम के पास कोई अन्य ट्रंचिंग साइट नहीं है। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त

बाकरगंज में कूड़ा गिराए जाने से एरिया में हजारों लोग प्रभावित हो रहे। अगर बाकरगंज में कूड़ा गिरना बंद हुआ तो पूरा शहर कूड़े से प्रभावित हो जाएगा। हम बाकरगंज में कूड़े की कैपिंग कर हरियाली बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं। - डॉ। आईएस तोमर, मेयर

Posted By: Inextlive