- नेपाल में फल-सब्जी पर लगे बैन से मुश्किल में थे व्यापारी

- भारत सरकार की पहल पर नेपाल ने छह माह के लिए टाला फैसला

- गोरखपुर से डेली 30 टन सब्जी और 30 टन फल का होता है निर्यात

GORAKHPUR: नेपाल में फल-सब्जी के आयात पर बैन हटने से गोरखपुर के व्यापारियों के चेहरे खिल गए हैं। 21 जून से लगे बैन के चलते जहां डेली लाखों रुपए का नुकसान हो रहा था वहीं अब उन्हें हर दिन 40 से 50 लाख रुपए का मुनाफा हो रहा है। फल-सब्जी व्यापारियों का कहना है कि केवल गोरखपुर मंडी से 30 टन फल रोज नेपाल जाता है। पिछले कई दिनों से कारोबार बंद होने से आर्थिक दिक्कत आ गई थी लेकिन अब राहत मिली है।

छह माह के लिए टला बैन

भारत सरकार की पहल पर नेपाल सरकार की मंत्री परिषद की मीटिंग में भारत से आयात होने वाले फल और सब्जी पर जांच के नाम पर लगा बैन छह महीने के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया। अब पहले की तरह फल-सब्जी लदे वाहन नेपाल बॉर्डर में प्रवेश कर सकेंगे। बताते चलें कि नेपाल सरकार ने भारत-नेपाल सीमा के सभी भंसार ऑफिस को लैब टेस्ट के बिना फल-सब्जी लदे भारतीय वाहन पास ना करने के संबंध में नया सर्कुलर जारी कर दिया है। इसमें भारत से आने वाले कच्चा खाद्य सामग्री, फल-सब्जी, फूल, डिब्बाबंद दुग्ध उत्पादों और एनर्जी ड्रिंक के वाहनों को तुरंत पास करने का निर्देश दिया था। नेपाल सरकार ने 21 जून को सभी भारतीय सीमाओं के अपने कस्टम कर्मचारियों को पत्र जारी कर भारत से आने वाले फल और सब्जी लदे वाहनों को रोकने संबंधी आदेश जारी किया था जिसे छह माह के लिए टाल दिया गया है।

कोट्स

नेपाल बॉर्डर की सीमा में फल-सब्जी के आयात से बैन हटने पर हम सभी को खुशी है। रोक लगने की वजह से ऑर्डर मिला हुआ माल नहीं पहुंच रहा था इसलिए पास की मंडियों में ही उसे खपाना पड़ता था। इससे काफी कच्चा माल भी नुकसान हुआ और आर्थिक क्षति भी हुई। बैन हटने से ऑर्डर मिला माल भेजा जा रहा है।

अवध गुप्ता, अध्यक्ष, फल-सब्जी विक्रेता एसोसिएशन

नेपाल में हर दिन 30 टन फल भेजे जाते थे लेकिन अचानक रोक लगने से दिक्कत हो रही थी। माल वहां तक नहीं पहुंच पा रहा था और फल लदीं कई गाडि़यों को बॉर्डर से वापस कर दिया जा रहा था। इसकी वजह से कई-कई दिन तक माल लदी गाड़ी खड़ी हो जाती थी। अब भारत सरकार की पहल से रोक हट गई है जिससे सभी ने राहत की सांस ली है।

राजन गुप्ता, थोक फल व्यापारी

वर्जन

नेपाल सरकार की तरफ से सर्कुलर जारी होने की सूचना मिली है, लेकिन यह अभी कार्यालय में नहीं पहुंचा है। पत्र मिलते ही पहले की तरह फल और सब्जी लदे भारतीय वाहनों का नेपाल में प्रवेश शुरू हो जाएगी।

कमल भट्टराई, कस्टम चीफ भैरहवा

Posted By: Inextlive