कचरे को नाला-नाली में जाने से रोक नहीं पा रहा है नगर निगम

प्रतिदिन बड़े पैमाने पर नाली से निकल रहा है कचरा

ALLAHABAD: पर्यावरण को नुकसान पहुंचने, नाला-नाली जाम होने और जल निकासी का रास्ता अवरूद्ध होने का कारण बनने की वजह से गवर्नमेंट ने पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया। ये 15 जुलाई से पूरे प्रदेश में लागू है। लेकिन पॉलीथिन के साथ ही कचरे की वजह से नाला-नाली ब्लॉक होना बंद नहीं हुआ है। सड़क का कचरा पर डे नाला-नाली में जा रहा है।

10 प्रतिशत हिस्सा प्लास्टिक

शहर के 80 वार्डो में पर डे करीब 600 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। इसमें करीब 10 प्रतिशत हिस्सा पॉलीथिन का रेशियो पॉलीथिन पर बैन से पहले भी था और आज भी है। क्योंकि प्रतिबंध केवल कैरीबैग पर लगा है। बड़े पैमाने पर पैक्ड आइटम के पॉलीथिन आज भी धड़ल्ले से यूज हो रहे हैं और कचरे के रूप में बसवार प्लांट के साथ ही नाला-नाली में पहुंच रहे हैं।

एक भी नाली पर नहीं है जाली

शहर के करीब 70 प्रतिशत नाला-नाली ओपेन हैं, जो सड़क से लगे हुए हैं। इन नाला-नालियों में सड़क का कचरा लगातार फेंका जा रहा है या फिर हवा के जरिये उड़ कर पहुंच रहा है। सड़क का कचरा नाला-नाली में न जा सके, इसे रोकने का इंतजाम नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन आज तक नहीं कर सका है। शहर में एक भी नाला-नाली नहीं है, जिस पर जाली लगाई गई हो ताकि उसमें कचरा न जाने पाए।

क्या कहते हैं पार्षद

ये बात बिल्कुल सही है कि कचरे और पॉलीथिन की वजह से नाला-नाली कल भी ब्लॉक होते थे, और आज भी हो रहे हैं। क्योंकि केवल कैरीबैग पर प्रतिबंध लगा है, बाकी पॉलीथिन पर नहीं। कर्मचारी पर-डे नाली से कचरा निकालते हैं, इसके बाद भी नाली जाम ही रहती है।

सत्येंद्र चोपड़ा

पार्षद, मीरगंज

नाला-नाली छोटा हो या बड़ा नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है। निर्माण और सफाई में करोड़ों रुपया बहाया जाता है, अगर एक बार लोहे की जाली लगाकर नाला-नाली को कवर कर दिया जाए तो नाला-सफाई में भी दिक्कत नहीं होगी और गंदगी भी नहीं जाएगी।

नीतिन यादव

पार्षद, एलनगंज

अभी कुछ दिनों पहले चाचर नाला की सफाई कराई गई थी। उसमें घरों का रजाई गद्दा से लेकर बोरे में भरा कचरा निकाला गया था। यही कारण है कि हर साल नाला-नाली की सफाई होने के बाद भी गंदगी भरी रहती है। इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जाएगा।

ओपी द्विवेदी

पार्षद, मालवीय नगर

लोग अगर सड़क पर कचरा न फेंकें तो वह नाला-नाली में न जाए। लोगों को भी जागरुक होना पड़ेगा। रही बात नाला-नालियों पर जाली लगाने की, इसका प्रयास किया जा रहा है। क्योंकि नालों को पैक करने से बेहतर है, उसे खुला छोड़ना।

अभिलाषा गुप्ता

मेयर, नगर निगम

Posted By: Inextlive