RANCHI : रवींद्र संगीत के बीच रवींद्रनाथ टैगोर से लेकर शरतचंद्र, बंकिमचंद्र, सत्यजीत रे और रामकृष्ण परमहंस की लिखी कहानियां, कविताएं, उपन्यास और निबंध, साथ में बंगाल का खानपान और पहनावा। सरकुलर रोड स्थित महेंद्र प्रसाद महिला कॉलेज में इन दिनों ये सभी नजर आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे इस कैंपस में मिनी बंगाल आ गया हो। यहां तीन दिवसीय बांग्ला पुस्तक मेला चल रहा है।

जायकेदार व्यंजनों का लुत्फ

सैटरडे को मेले के दूसरे दिन बड़ी संख्या में बांग्लाभाषी पुस्तक प्रेमी यहां पहुंचे। कबितार आसर नाम से कविता पाठ और शाम में कल्चरल प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इसके साथ ही ट्रेडिशनल बांग्ला फूड के स्टॉल्स पर भी लोगों ने जायकेदार व्यंजनों का लुत्फ उठाया। संडे को मेले का समापन होगा। इस मेले में कोलकाता से मंगाए गए कपड़ों के स्टॉल्स भी लगाए गए हैं, जिसमें कॉटन की साड़ी, कुर्ता और लेडीज सूट के स्टॉल्स पर भीड़ दिखी। यह मेला सुबह क्0 बजे से रात क्0.फ्0 बजे तक चल रहा है।

Posted By: Inextlive