-चार करोड़ 25 लाख के घपले के आरोपित का विवेचक ने मांगा एड्रेस

PRAYAGRAJ: बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा के करेंसी चेस्ट में चार करोड़ 25 लाख रुपए के मामले की जांच करने लखनऊ से पहुंची टीम भी बुधवार को वापस लौट गई। चूंकि केस अभी आर्थिक अपराध शाखा को ट्रांसफर नहीं हुआ है, लिहाजा पुलिस भी तफ्तीश में जुटी हुई है। दोपहर के वक्त मामले के विवेचक सियाराम चौरसिया बैंक पहुंचे। उन्होंने ब्रांच मैनेजर से आरोपित वशिष्ठ कुमार राम, एसके मिश्र और संजू मिश्र का पता मांगा है। एफआईआर में एक भी आरोपित का एड्रेस दर्ज नहीं है। केस की पड़ताल करने पहुंची बैंक ऑफ इंडिया की मुंबई हेड ऑफिस टीम दो दिन पहले ही पड़ताल के बाद जा चुकी थी।

सात से आठ बार बंद मिला कैमरा

मामले की तफ्तीश में लखनऊ हेड क्वॉर्टर की भी एक टीम लगी थी। सूत्रों की मानें तो बैंक से टीम को जो दस्तावेज मिले हैं, उसमें साक्ष्य को मिटाने की सारी जतन की गई है। बैंक के चेस्ट में लगाया गया सीसीटीवी कैमरा कभी बंद नहीं होता। वह कैमरा आरोपित वशिष्ठ कुमार की तैनाती के बाद से करीब सात से आठ बार बंद हुआ है। टीम का मानना है कि कैमरा बंद करने के बाद ही आरोपित ने चेस्ट से पैसों को निकाला है।

वर्जन

बैंक से पुलिस को न तो फुटेज दिए गए हैं और न ही आरोपितों का पता। विवेचक द्वारा आरोपितों का एड्रेस मांगा गया है। लखनऊ टीम को जांच में क्या मिला, यह बात बैंक के लोग ही बता सकते हैं।

-बृजनारायण सिंह, सीओ सिविल लाइंस

Posted By: Inextlive