- प्रबंधन ने दाखिल की तीन याचिकाएं

- विश्वविद्यालय, प्रशासन दो सप्ताह में दाखिल करेगा जवाब

: बरेली कॉलेज प्रबंधन पर छिड़ा विवाद अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। प्रबंधन ने हाईकोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की हैं। कोर्ट ने दो मामलों में आरयू के रजिस्ट्रार और कुलपति को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में अपना पक्ष रखने की मोहलत दी है।

बरेली कॉलेज में प्रबंधन ने गत 29 जनवरी को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें बोर्ड के अध्यक्ष मंडलायुक्त द्वारा क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी को अंतरिम सचिव बनाए जाने को चुनौती दी थी। इस पर प्रबंधन को स्टे मिल गया था। इस मामले की सुनवाई 21 फरवरी को कोर्ट में तय थी मगर जस्टिस अजीत भनोत ने केस से खुद को अलग कर लिया। उन्होंने सुनवाई के लिए दूसरी बेंच बनाने का आग्रह किया है।

बोर्ड के 14 सदस्य पहुंचे कोर्ट

आरयू ने बोर्ड ऑफ कंट्रोल के जिन 14 सदस्यों का शासन से अनुमोदन न होने का दावा है। वो सभी सदस्य हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। मधुलिका स्वरूप और बारह अन्य लोगों ने एक रिट दायर की है, जबकि गुरुनारायण मेहरोत्रा ने एक अलग याचिका दाखिल की है। ये दोनों याचिकाएं संयुक्त रूप से सुनी जा सकती हैं। इस मामले में भी कोर्ट ने विवि, प्रशासन को दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय दिया है।

सारे मामले जाएंगे कोर्ट

न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े लोगों का मानना है कि बरेली कॉलेज मामले की कानूनी लड़ाई लंबी चल सकती है। एक मामले की नई बेंच गठित होने में पखवाड़ा लग सकता है। दूसरा, यहां प्रबंधन, भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले भी अब कोर्ट में जा सकते हैं। क्योंकि प्रशासन शुरुआती विवाद से लेकर हर पहलू से कोर्ट को अवगत कराना चाहेगा।

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इन सवालों के अनुत्तरित जवाब

-1988 का बायलॉज माना जाएगा या फिर 2001 का संशोधित बायलॉज।

-आरयू के तत्कालीन वीसी प्रो। जाहिद हुसैन जैदी की वर्ष 2004 की रिपोर्ट क्या कोर्ट के समक्ष रखी जाएगी।

-बरेली कॉलेज भ्रष्टाचार प्रकरण की जांच किस नतीजे पर पहुंचेगी।

-प्रबंधन का मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद कॉलेज के संचालन पर क्या निर्णय होगा।

-सोसायटीज के सहायक रजिस्ट्रार ने सोसायटी की प्रबंध समिति के पूर्व पदाधिकारियों के पदाधिकारी की हैसियत से कार्य करने पर रोक लगा दी है। खाता संचालन पर भी रोक लगाई है। इस आदेश पर प्रभावी हुआ तो कॉलेज के खर्च कैसे चलेगा।

Posted By: Inextlive