- डिस्ट्रिक के हर विकासखंड में बनाए जाएंगे पांच-पांच मॉडल स्कूल

- मॉडल स्कूल बनाने को स्कूल ढूंढ़ने में लगा है बेसिक शिक्षा विभाग

बरेली -

शासन से 23 फरवरी को मिले आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने बरेली में बेसिक स्कूलों को मॉडल बनाए जाने की कवायद शुरू कर दी है। इन स्कूलों को सत्र 2019-20 में संचालित भी करना है, जिसकी वजह से अफसर परेशान घूम रहे हैं। शहर के बेसिक स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने का सपना आखिर कैसे साकार होगा, जबकि इन स्कूलों को मॉडल बनाने के लिए भी मानक निर्धारित कर दिए हैं। इससे तो यही साबित होता है कि अगर एक भी स्कूल इनके मानकों पर खरा नहीं उतरा तो यह मॉडल स्कूल बनाएंगे ही नहीं। फिलहाल अभी तो बेसिक शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों को ढूंढ़ने में लगा हुआ है जिनको आसानी से मॉडल स्कूल बनाया जा सके और उसके लिए उसे ज्यादा मेहनत भी न करनी पड़ी। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग के लिए बेसिक स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाना किसी चैलेंज से कम नहीं है।

आसपास न हो स्कूल

डिस्ट्रिक में करीब 103 स्कूलों को मॉडल बनाया जाना है। हर विकासखंड में 5-5 मॉडल स्कूलों को चुना जाना है। अधिकारियों के मुताबिक ऐसे स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाएंगे जिनके आसपास कोई भी प्राइवेट स्कूल न हो। साथ ही बच्चों की संख्या भी ज्यादा हो। अभी तक तो कोई ऐसा स्कूल मिला नहीं है। आगे कैसे मिलेगा इसके बारे अधिकारियों को कुछ भी पता नहीं है।

136 प्राइमरी और 27 जूनियर स्कूल

शहर में कुल 163 स्कूल है जिसमें से 136 प्राइमरी और 27 स्कूल जूनियर के है। इन सभी स्कूलों में से अभी तक केवल 5 प्राइमरी स्कूल खड़ऊआ, हरु नगला, सुभाष नगर, बालजती और जसौली में हैं, जो कि मॉडल स्कूल बनाए गए हैं।

टीचर्स की भी होगी परीक्षा

मॉडल स्कूल बनने के बाद उनमें पढ़ाने के लिए टीचर्स को भी टेस्ट देना होगा। उसमें पास होने पर भी टीचर इन स्कूलों में पढ़ा पाएंगे। 50 नंबर में टेस्ट में पास होने पर ही टीचर्स को मॉडल स्कूल में पढ़ाने के काबिल माना जाएगा। टेस्ट पास न कर पाने पर उसे बाहर कर दिया जाएगा।

मॉडल स्कूल से बढ़ी बच्चों की संख्या

बेसिक स्कूलों के मॉडल स्कूल बनने के बाद उसमें पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी है। डिस्ट्रिक में पिछले सत्र के मुकाबले इस बार 7735 स्टूडेंट्स बढ़े है। सत्र 2017-18 में 314092 स्टूडेंट्स थे, जो सत्र 2018-19 में बढ़कर 321827 हो गए।

एसएमसी से होगा प्रचार

बेसिक स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाए जाने के बाद उनका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके लिए एसएमसी और पीटीएम को चुना गया है। बेसिक के मॉडल स्कूलों को एसएमसी यानि स्कूल प्रबंधन कमेटी और पैरेंट टीचर्स मीटिंग के माध्यम से प्रचार कराया जाएगा।

शहर के स्कूलों को मॉडल बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। शहर में 85 प्राइमरी और 18 जूनियर स्कूलों को मॉडल बनाया जाएगा

देवेश राय, एबीआरसी

Posted By: Inextlive