- किराए के भवन में चलते हैं बेसिक के करीब 35 स्कूल

- लगभग 90 परसेंट स्कूलों की हालत है जर्जर

BAREILLY:

जितनी हालत बेसिक शिक्षा की खराब है, उससे ज्यादा बेसिक शिक्षा के स्कूलों की हालत खस्ता है। बेसिक शिक्षा के नगर क्षेत्र में कुल 163 स्कूल हैं। इनमें से 136 स्कूल प्राइमरी और 27 स्कूल जूनियर के हैं। 35 स्कूल ऐसे हैं, जो पिछले कई वर्षो से किराए के भवन में चल रहे हैं। किराए कम होने की वजह से बिल्डिंग मालिक इनकी मरम्मत नहीं करा रहे हैं। सरकार भी किराया बढ़ाने को तैयार नहीं है। इस वजह से इन भवनों की हालत ऐसी है कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने मंडे को शहर के दो ऐसे स्कूलों में विजिट किया जो किराए की बिल्डिंग में चल रहे हैं और उनके भवन जर्जर हैं।

किराए की खींचतान में हुए जर्जर

नगर क्षेत्र में 163 प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल हैं। किराए कह बिल्डिंग में चल रहे इन स्कूलों में किराया बहुत कम है। बिल्डिंग के मालिक किराया बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन सरकारी व्यवस्था का पेंच आडे़ आ जाता है। ऐसे में वे मरम्मत नहीं कराते और न ही विभाग।

इसलिए शिफ्ट नहीं हो रहे स्कूल

जिस क्षेत्र में ये स्कूल चल रहे हैं, वहीं इन्हें चलाना है। लेकिन वर्तमान में किराया ज्यादा है। ऐसे में पुराने किराए पर कोई अपनी बिल्डिंग देने को तैयार नहीं है। वर्तमान किराए दर पर बजट नहीं मिलने से से अफसर भी खानापूर्ति में लगे हैं।

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प्राथमिक विद्यालय कुंवरपुर फ‌र्स्ट : पूरा स्कूल ही जर्जर

टीम जब प्राथमिक विद्यालय कुंवरपुर फ‌र्स्ट पहुंची तो हालात बहुत डराने वाले थे। पूरी बिल्डिंग जर्जर थी। स्कूल में न तो पानी की व्यवस्था थी और न ही लाइट की। शौचालय के बारे में सोचना ही बेमानी था। सीलन की वजह से पूरे स्कूल में बदबू फैली हुई थी। इन हालात में क्लास फ‌र्स्ट से लेकर क्लास फिफ्थ तक के 53 बच्चे एक ही रूम में पढ़ने को मजबूर हैं। वो भी अंध्ोरे में।

बहुत डर लगता है, जब ईट गिरती हैं

इस डरावने स्कूल के बारे में पूछने पर बच्चों ने बताया, 'क्लास के दौरान कई बार स्कूल की जर्जर छत से ईटें नीचे गिरती हैं तो बहुत तेज आवाज होती है। हमारा दिल दहल जाता है। डर लगने लगता है कि कहीं कोई ईट हमारे ऊपर न गिर जाए। कभी कभी तो हमारा मन करता है कि स्कूल ही न जाएं। पता नहीं कब हमारे ऊपर भी ईट गिर जाए। हमारा ध्यान पढ़ाई में कम और अपनी जान को बचाने में ज्यादा रहता है।

बारिश में भर जाता है पानी

स्कूल की प्रधानाध्यापक शहनाज बी ने बताया कि जब इस बिल्डिंग की ईटे गिरने लगी तो उन्होंने क्लास कमरे के बाहर बरामदे में शिफ्ट कर दी। बरामदे में ही वह क्लास एक से लेकर पांच तक के बच्चों को पढ़ा रही हैं। लेकिन जिस बरामदे में उन्हें शिफ्ट किया है, वो भी जर्जर हालत में ही है। कभी भी कोई हादसा हो सकता है। बारिश के मौसम में पूरी बिल्डिंग से पानी की धार बहती है। अब बरामदे के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। तेज बारिश में कोई जगह ऐसी नही है, जहां पानी से बचा जा सके।

शरीर पर चढ़ने लगते हैं कीड़े

बच्चों और टीचर्स का दर्द तब और उभर के सामने आ गया जब उन्होंने बताया कि बिल्डिंग में सीलन की वजह से बहुत से कीड़े मकौड़े हैं। लाइट नहीं होने से हर समय अंधेरा रहता है। बच्चों ने बताया कि कई बार तो उनके शरीर पर ही कीड़े मकौड़े चढ़ जाते हैं। डर लगता है कि कहीं काट न लें। बंद पड़ी क्लास में मोटे-मोटे चूह होने के साथ बिच्छू भी घूमते रहते हैं।

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करीब 50 साल से एेसे ही है

इसके बाद हमारी टीम नेकपुर फ‌र्स्ट स्कूल पहुंची तो वहां के हालात कुंवरपुर स्कूल के जैसे ही थे। यहां भी स्कूल का भवन जर्जर था। लेकिन, चौंकाने वाली बात यह थी कि यहां पर एक भवन के दो कमरों में दो स्कूल चलते हैं। एक कमरे में नेकपुर फ‌र्स्ट और दूसरे कमरे में नेकपुर सेकंड। दोनों में करीब 136 बच्चे है। स्कूल की प्रधानाध्यापक मीना कुमारी ने बताया कि इस बिल्डिंग में करीब पिछले 50 वर्षो से इसी तरह से दोनों स्कूल चल रहे हैं।

बच्चों को बैठना पड़ता है बाहर

प्रधानाध्यापक ने बताया कि दोनों स्कूल में इतने बच्चे हैं कि उनके लिए एक रूम भी कम पड़ जाता है। मजबूरी में उन्हें बच्चों को बाहर बैठाना पड़ता है। सर्दी हो या गर्मी या फिर बरसात, हर मौसम की मार बच्चों को झेलनी पड़ती है।

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वर्जन

इस कमरे में जब भी ऊपर से ईट और मिट्टी गिरती है तो हमे बहुत डर लगता है। हम तो दीवार से भी सट कर नहीं बैठते हैं। हमेशा चोट लगने का डर लगता है।

अयान क्लास 5

पूरी क्लास में मोटे मोटे चूहे घुमते रहते है। कभी हमारे बैग पर तो कभी हम पर चढ़ जाते है। बारिश होती है तो और भी कीड़े निकलने लगते है।

अरमान क्लास 3

हमारा मन करता है कि हम स्कूल ही नहीं आएं। क्योंकि यहां पढ़ने से ज्यादा हमें चोट लगने का डर लगता है।

माहिर क्लास 5

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बॉक्स : नगर क्षेत्र के जर्जर प्राथिमक विद्यालय

जटपुरा, माधोबाड़ी, गंगापुर- प्रथम व द्वितीय, मलूकपुर, कुंवरपुर- प्रथम व द्वितीय, किशोर बाजार-द्वितीय, ऐजाज नगर, सहसवानी टोला, सूफी टोला-प्रथम व द्वितीय, बांके की छावनी-द्वितीय, मौला नगर, गढैया, वमनपुरी, सीताराम-प्रथम, घेर जाफर खां, कन्हैया टोला, कन्हैया टोला- प्रथम, जखीरा-प्रथम, बिहारीपुर-द्वितीय, रोहली टोला-द्वितीय, मुरावपुरा, चौधरी मौहल्ला-द्वितीय, जाटवपुरा, फाल्तूनगंज, मेमरान, प्रेमनगर, लोधी राजपूत, गांधी बेसिक, उच्च प्राथमिक जखीरा व नगरिया सतन

Posted By: Inextlive