फलों की खुशबू पर भारी अव्यवस्थाओं की बदबू
- पूरी मार्केट में रहता है गंदगी का अंबार
- अंदर घुसते ही सड़े फलों की बदबू करती है परेशानGORAKHPUR : मैं सिटी को फलों का स्वाद दिलाने वाले फल की सबसे बड़ी मंडी महेवा हूं। यहां पर सिटी ही नहीं बल्कि आस-पास के शहरों से भी लोग अपनी फलों की जरूरत को पूरा करने के लिए पहुंचते हैं। कहने को तो मैं फलों की सबसे बड़ी मंडी हूं, लेकिन यहां की सुविधाओं की बात करें तो यह किसी छोटे से एरिया की दुकानों से भी बदतर है। मंडी में एंट्री ही सड़े-गले फलों की बदबू के साथ होती है। अंदर पहुंचने पर कई जगह सड़े-गले फल दिखाई देते हैं। सड़क पर कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे देखने को मिल जाएंगे, जिसमें हल्की सी बरसात में पानी भर जाता है। यहां पर आने वाले ट्रक ड्राइवर भी अपनी गाडि़यों को जहां पर जगह मिली वहीं बेतरतीब लगा देते हैं, जिसकी वजह से लोकल एरिया से आने वाले रिटेलर्स और कस्टमर्स को अपनी गाड़ी खड़ी करने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। बरसात के दिनों में तो यहां की हालत काफी खराब रहती है और हर तरफ कीचड़ के अंबार देखने को मिल जाते हैं।
फैक्ट फाइल - नाम - महेवा फल मंडी मार्केट ऑफ - फ्रूट्सशॉप की तादाद - लगभग क्भ्0 (थोक)
टोटल टर्नअप पीपुल - क्0000 से क्ख्000 टर्नओवर - लगभग क् करोड़ डेली यह मिल रहे हैं फल - आम, सेब, मोसमी, नाशपाती, केला, अनन्नास, अनार प्रॉब्लम्स - - हर मार्केट की तरह यहां पर भी पार्किंग की कोई फैसिलिटी नहीं है। - ड्रेनेज सिस्टम न होने की वजह से यहां हमेशा ही वॉटर लॉगिंग की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है। - मार्केट में कई जगह मेनहोल के चैंबर टूट चुके हैं, जहां कई बार लोग गिर चुके हैं। - यहां आने वाले बड़ी गाडि़यां बेतरतीब खड़ी हो जाती हैं, जिससे अक्सर जाम लग जाता है। - आवारा जानवर यहां दिन भर घूमते रहते हैं और लोगों के लिए बड़ा खतरा पैदा कर देते हैं। - फ्-ब् दिनों में एक बार सफाई होती है। जिससे यहां पर काफी बदबू रहती है, जिससे यहां पर आने वाले व्यापारियों का चलना दूभर हो जाता है। - सड़क की हालत भी काफी खराब है, जिससे लोगों को काफी परेशानी फेस करनी पड़ती है। दुकान के सामने ही पानी लग जाता है, जिसकी वजह से आने वालों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। राकेश, थोक व्यापारीटाइमली सफाई नहीं होती है, जिसकी वजह से जगह-जगह गंदगी के अंबार देखने को मिल जाते हैं।
मनोज कुमार, रिटेल व्यापारी गाडि़यां प्रॉपर पार्क नहीं हो पाती है, जाम जैसी कंडीशन हो जाती है। पार्किंग की व्यवस्था की जानी चाहिए। विजय कुमार सोनकर, थोक व्यापारी इस मार्केट में कई मेनहोल के ढक्कन गायब हो चुके हैं, कई बार मोटरसाइकिल और साइकिल सवार लोगों को चोट लग चुकी है, इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। रमेश जायसवाल, थोक व्यापारी कई जगह सड़क पर गड्ढे हो गए हैं, जिसकी वजह से आने जाने में प्रॉब्लम होती है, गड्ढों में अक्सर पानी भर जाता है। मोहम्मद इमरान, रिटेल व्यापारी सॉल्युशन - - रेग्युलर सफाई की जरूरत है। मार्निग में जब दुकानें खुलती हैं तो उससे पहले सफाई हो जाए और रात में दुकान बंद करने के बाद एक बार सफाई की जरूरत है। - जो मेनहोल खुले हुए हैं, उनको प्रॉपर वे में ढंकना चाहिए। साथ ही जहां जल जमाव होता है वहां पर पानी निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए। - पार्किंग की फैसिलिटी प्रोवाइड की जानी चाहिए, ऐसा न होने की कंडीशन में कम से कम प्रॉपर वे में गाडि़यों को खड़ी करने का बंदोबस्त करना चाहिए।