- टॉप फोर स्कूलों का सालाना खर्च ही खोल रहा सच्चाई

- सालभर बजट के आंकड़े बयां करते है पेरेंट्स की परेशानी

- प्रोफेशनल बनने से महंगा है एजुकेशन का बेस बनाना

meerut@inext.co.in

MEERUT: सुनकर हैरानी जरूर होती है कि एक प्राइमरी के बच्चे को पढ़ाना बीबीए और बीसीए की पढ़ाई से भी महंगा हो गया है। अगर हम सिटी के टॉप फोर स्कूलों की बात करें तो यहां के खर्च पेरेंट्स की जेब ढीली करने के लिए काफी हैं। सिटी के कई अन्य पब्लिक स्कूलों के प्राइमरी सेक्शन का सालाना खर्च भी बीबीए-बीसीए से अधिक या उसके बराबर ही बैठता है। यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे बीबीए और बीसीए से महंगी है प्राइमरी की एजुकेशन।

फीस की कहानी

आई नेक्स्ट ने फ्राइडे को जब प्राइमरी एजुकेशन का सालाना खर्च जानने की कोशिश की तो कई चौकाने वाली बातें सामने आई। आई नेक्स्ट ने सिटी के टॉप फोर स्कूल दीवान पब्लिक स्कूल, सोफिया ग‌र्ल्स स्कूल, एमपीएस और एमपीजीएस स्कूल और सेंट मैरी स्कूल के पेरेंट्स से बजट जाना तो पता लगा कि क्लास फ‌र्स्ट से फाइव तक की फीस ब्भ्-भ्0 हजार रुपए, पांच हजार रुपए तक एडमिशन चार्ज, दो हजार की ड्रेसेज लेनी पड़ रही हैं। कई स्कूल्स तो टोटल मिलाकर ब्0 हजार ट्यूशन फीस वसूल रहे है। क्लास फोर के बाद तो ट्यूशन फीस भी भ्0 हजार हो जाती है।

आसान हुई इंजीनियरिंग

हैरानी की बात यह है कि स्कूल्स फीस कॉलेज फीस से ज्यादा है। बेचलर ऑफ इंजीनियरिंग कोर्स की भी बात की जाए तो सिटी के कॉलेजों में ख्0 से फ्0 हजार रुपए सेमेस्टर लिए जा रहे हैं। यानी सालभर के लगभग ब्0 से म्0 हजार रुपए तक होते हैं। अगर इसमें बुक्स एंड ड्रेस का खर्च भी जोड़ा जाए तो बात भ्0 से 70 हजार रुपए तक पहुंचती है।

कॉलेजों से कम खर्चा

कॉलेजों के मुकाबले स्कूलों में कम संसाधन होते हैं। कॉलेजों में बड़ा कैम्पस, ज्यादा सेलरी वाले प्रोफेसर, कम्प्यूटर एंड अन्य लैब, एग्जाम, रिजल्ट जैसे काम, टेक्निकल प्रोफेशनल कोर्सेज में ज्यादा खर्च होता है। जबकि इनके मुकाबले स्कूलों में काफी कम खर्च होता है।

प्रोफेशनल कोर्स की फीस

बीबीए की फीस- ख्भ् से फ्भ् हजार रुपए साल

बीसीए की फीस ख्0 से फ्0 हजार रुपए साल

यह है प्राइवेट इंस्टीट्यूशन का खर्च

-आईआईएमटी कॉलेज गंगानगर में बीबीए और बीसीए के लिए ट्यूशन फीस, रजिस्ट्रेशन, ड्रेस और बुक्स सहित पहले साल की फीस फ्0 हजार भ्00 रुपए है। बाकी के दोनों साल में साल के ख्9 हजार भ्00 रुपए का खर्च ही आता है। यहां के मीडिया प्रभारी मानव शर्मा का कहना है कि यह बात सोचने वाली है कि बच्चों को पढ़ाना आखिर कितना महंगा हो गया है।

- शांति इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बागपत रोड पर बीबीए के लिए पहले साल फ्0 हजार रुपए ट्यूशन फीस, ड्रेस और बुक्स के साथ रजिस्ट्रेशन फीस है। जबकि अगले दो साल के यहां पर ख्ख् हजार रुपए ही जाते हैं। एकाउंटेंट गौरव गुप्ता का कहना है कि यह बात तो ठीक है ग्रेजुएशन की पढ़ाई से महंगी है प्राइमरी एजुकेशन।

- राधा गोविंद इंजीनियरिंग कॉलेज पर बीबीए और बीसीए के लिए पहले साल में फ्क् हजार रुपए ट्यूशन फीस, एक हजार रुपए रजिस्ट्रेशन फीस, एक हजार रुपए यूनिवर्सिटी को भेजे जाते है, तीन हजार ब् सौ भ्0 रुपए एग्जाम, बुक्स व युनिफार्म के जाते हैं। यहां के पीआरओ अमित शर्मा का कहना है कि आजकल छोटे बच्चों को पढ़ाना बहुत ही टेढ़ी खीर हो गया है।

इस साल भी और भी बढ़ेगा बजट

यह तो केवल पुराने फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से है, अगर बात करे बढ़ते खर्च की तो इस साल स्कूलों में लगभग दस से पंद्रह प्रतिशत फीस बढ़ी है, वहीं किताबों में भी दस से ख्0 प्रतिशत की महंगाई हुई है। इससे तो बजट और भी बढ़ सकता है।

अलग-अलग कॉलेज का अलग फी स्ट्रक्चर होता है। प्रोफेशनल कॉलेज के फी स्ट्रक्चर की अधिक जानकारी नहीं है, मगर यह जरूर कहा जा सकता है कि प्राइवेट स्कूलों में क्वालिटी, फैसिलिटी, इंस्टीट्यूशन मॉडल पर ही यह सबकुछ डिपेंड करता है।

-मधु सिरोही, एमपीएस फॉर ग‌र्ल्स स्कूल

पब्लिक स्कूलों में स्टूडेंट्स के बेस को बेहतर बनाने के लिए बेहतर क्वालिटी, फैसिलिटी के साथ बहुत कुछ दिया जाता है। अलग-अलग इंस्टीट्यूट का अलग हिसाब होता है। वो तो इंस्टीट्यूट मॉडल, फिजिकल एंड ह्यूमन स्ट्रक्चर पर डिपेंड करता है।

-एचएम राउत दीवान पब्लिक स्कूल

पब्लिक स्कूलों में फीस, किताबें, ड्रेस से लेकर काफी मोटा खर्च बैठ जाता है। साल भर में तो म्0-70 हजार कहां गए, कुछ पता नहीं लगता।

-शांति, सैनिक विहार

स्कूल तो हर साल फीस बढ़ा देते हैं। किताबों और ड्रेस में भी अच्छा कमीशन होगा। ऐसे में केवल पेरेंट्स को ही परेशानी होती है। स्कूलों का क्या है, उन्हें तो पैसा कमाना है।

-अशोक, ब्रह्मपुरी

किताबें, फीस और स्कूल बैग। हम तो बस पैसे ही खर्च करते रह जाते हैं। सालभर में काफी तगड़ी रकम एक बच्चे को पढ़ाने में लग जाती है। इतने में तो आराम से प्रोफेशनल कोर्स हो जाता है।

आंचल, बेगमबाग

Posted By: Inextlive