Bareilly : बरेली कॉलेज के जर्नलिज्म स्टूडेंट्स मीडिया की फंक्शनिंग को अब और बेहतर तरीके से जान पाएंगे. वे जान पाएंगे कि कैसे न्यूज लिखी जाती हैं और कितने स्टेप से होकर गुजरती है. साथ ही उन्हें एडिटिंग के सभी पहलुओं की इंफॉर्मेशन भी मिलेगी. कॉलेज के जर्नलिज्म डिपार्टमेंट में दो न्यूज एजेंसियों का सब्सिक्रिप्शन अवेलेबल होने वाला है. एक का तो अप्रवूल हो चुका है और दूसरे को बस अनुमोदन का इंतजार है. जल्द ही स्टूडेंट्स को प्रिंट मीडिया का ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल एक्सपोजर मिलेगा.


पीटीआई और यूनिवार्ता का सब्सक्रिप्शनबरेली कॉलेज में पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन और मीडिया टेक्नीक्स कोर्स कंडक्ट किया जाता है। स्टूडेंट्स को खबरों का ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल एक्सपोजर मिल सके, इसके लिए उन्हें न्यूज एजेंसियों की सुविधा मुहैया कराई जा रही है। पीटीआई न्यूज एजेंसी के सब्सक्रिप्शन की परमीशन मिल चुकी है। वहीं यूनिवार्ता की सब्सक्रिप्शन के लिए परमीशन मांगी गई है। जल्द ही इसकी परमीशन भी मिलने की संभावना जताई जा रही है।जानेंगे एडिटोरियल के गुर
एजेंसियों के सब्सक्रिप्शन की सुविधा उपलब्ध होने की वजह से स्टूडेंट्स अब न्यूज फील्ड के एडिटोरियल डिपार्टमेंट के गुर जान सकेंगे। बुकिश नॉलेज के इतर उन्हें ज्यादा प्रैक्टिकल एक्सपोजर मिलेगा साथ ही वह क्लास में एक्सपेरिमेंट भी कर सकते हैं। वे जान सकेंगे कि न्यूज कैसे लिखी जाती है और किस फॉर्मेट में आती है। इसके साथ ही उन्हें यह भी जानकारी मिलेगी न्यूज की एडिटिंग कैसे होती है और एडिटिंग के बाद न्यूज का फॉर्मेट कैसे बदल जाता है। एक तरह से क्लासरूम में ही उन्हें एक मीडिया संस्थान के न्यूज रूम के एन्वायरमेंट की फीलिंग आएगाी।एस्टेब्लिश हुआ न्यूज रूम


इसके लिए डिपार्टमेंट में फुल फलेज्ड न्यूज रूम स्थापित किया गया है। इसमें कम्प्यूटर, इंटरनेट, प्रिंटर के साथ कैमरे की फैसिलिटी भी है। स्टूडेंट्स को एजेंसी की सुविधा न्यूज रूम में ही उपलब्ध कराई जाएगी। न्यूज रूम में मौजूद एजेंसी की सब्सक्रिप्शन की सहायता से स्टूडेंट्स कम्प्यूटर पर एजेंसी की सभी खबरों को देख और पढ़ सकेंगे। इसके लिए डिपार्टमेंट को सिक्योरिटी कोड भी दिया जाएगा। इसके बाद स्टूडेंट्स अपने स्तर से प्रैक्टिस के लिए खबरों की एडीटिंग भी कर पाएंगे।हिंदी व इंग्लिश दोनों फॅार्मेटहिंदी और इंग्लिश की न्यूज फॉर्मेट में कई मायनों में चेंज होता है। दोनों भाषाओं की खबरों को लिखने की कला में काफी अंतर होता है। डिपार्टमेंट में हिंदी और इंग्लिश दोनों ही न्यूज एजेंसियों की सुविधा दी जाएगी, जिससे स्टूडेंट्स दोनों लैंग्वेज के न्यूज कंटेंट से अच्छी तरह से वाकिफ हो सकें।'न्यूज एजेंसी की सुविधा से स्टूडेंट्स न्यूज रूम के एनवायरमेंट को प्रैक्टिकली फील कर पाएंगे। वे यह जान पाएंगे कि खबरें किस तरह आती हैं, कैसे लिखी जाती हैं और एडिटिंग कैसे होती है। इससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिकल एक्सपोजर मिलेगा.'- डॉ। वंदना शर्मा, इंचार्ज, जर्नलिज्म डिपार्टमेंट, बीसीबी

Posted By: Inextlive