Allahabad: फेक करेंसी सप्लाई करने वाले गैंग इन दिनों सिटी में बेहद सक्रिय हैं. यह गैंग सीधे नेपाल और बांग्लादेश से करेंसी मंगा रहा है और सिटी में सप्लाई कर रहा है. इस करेंसी को ट्रेस करना बेहद मुश्किल है. अगर आप 500 और 1000 रुपए के नोट किसी से ले रहे हैं तो जरा एलर्ट हो जाइए. हो सकता है ये फेक करेंसी हों. ओरिजनल और फेक करेंसी में इतना माइनर अंतर है कि इसे पहचानना मुश्किल है. मंडे को जब क्राइम ब्रांच ने फेक करेंसी सप्लाई करने वाले एक शक्स को पकड़ा तो पुलिस भी घनचक्कर हो गई. फेक करेंसी की जांच के लिए बैंक ऑफिसर से मदद लेनी पड़ी.

मुम्बई में करता है job
एसपी क्राइम अरुण पाण्डेय ने मंडे को पुलिस लाइन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि क्राइम ब्रांच ने मंडे को फेक करेंसी सप्लाई करने वाले सुनील पाण्डेय को अरेस्ट किया है। उसे क्राइम ब्रांच ने नवाबगंज एरिया से पकड़ा। उसके पास से 500-500 रुपए के 1,49,500 रुपए की फेक करेंसी मिली है। जांच में पता चला कि प्रतापगढ़ का रहने वाला सुनील बचपन से ही मुम्बई में रहता है। वहीं पर टेम्पो चलाता है। पुलिस ने बताया कि सुनील ने दस दिन पहले ही एक लाख रुपए के फेक करेंसी मिर्जापुर स्टेशन पर बब्बू जायसवाल को सप्लाई की थी. 

40 percent का फायदा
सुनील ने आई नेक्स्ट रिपोर्टर को बताया कि कुछ समय पहले मुम्बई में उसकी मुलाकात बिट्टू नामक युवक से हुई थी। पैसे की चाहत में सुनील ने बिट्टू के रिलेटिव संजुल से मालदा जाकर सांठगांठ बढ़ाई। फिर फेक करेंसी सप्लाई करने की प्लानिंग बनाई। संजुल ने सुनील को समझाया कि ओरिजिनल और फेक करेंसी में कोई फर्क नहीं है। आम आदमी इसमें कोई पहचान नहीं कर सकता। हुआ भी यही। सुनील उसकी बातों में आ गया और 100000 लाख रुपए की फेक करेंसी के लिए उसने 60000 रुपए दिए। इस तरह उसे 40 प्रतिशत का फायदा हुआ. 

बांग्लादेश से setting
सुनील ने बताया कि फेक करेंसी सीधे बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल पहुंचती है। माल आने के बाद लोकल सप्लायर्स उसे अपनी कस्टडी में ले लेते हैं। फिर वे देश में जगह-जगह पर थोक भाव में इसे सप्लाई करते हैं। सुनील ने बताया कि संजुल ने उसे इस बात की जानकारी नहीं दी कि बार्डर से वह किसकी मदद से फेक करेंसी पाता है। इस ऑपरेशन में क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी, एसआई अजय सिंह, एसआई राकेश सिंह, ओम नारायण और नवाबगंज एसओ धर्मेन्द्र प्रताप सिंह आदि शामिल रहे. 

ATS ने भी पकड़ा था
15 सितंबर को एटीएस ने शिवकुटी एरिया से फेक करेंसी सप्लाई करने वाले दो बदमाशों को पकड़ा था। दीपक पश्चिम बंगाल से माल लाकर यहां सप्लाई करता था। दीपक के साथ इलाहाबाद का रहने वाला पवन शुक्ला भी इस मामले में पकड़ा गया था। उनके पास से 2 लाख 75 हजार रुपए की फेक करेंसी मिली थी। एटीएस का दावा था कि ये दोनों भी बांग्लादेश के थ्रू आने वाली फेक करेंसी की सप्लाई करते थे।

Posted By: Inextlive