Jamshedpur: सिटी समेत स्टेट की कई बिल्डिंग्स व इंस्टिट्यूशंस में लगे वाई-फाई अनसेफ हैं. सिचुएशन यह है कि कंप्यूटर हैकर आसानी से इसका यूज कर अपने गलत मंसूबे को अंजाम दे सकता है. आपके वाई-फाई रेंज का गलत फायदा उठाकर डाटा को भी आसानी से चोरी किया जा सकता है. ऐसे में जिसके नाम से वाई-फाई है वही पुलिस के हत्थे चढ़ जाएगा.

Terrorist का sleeper cell
स्टेट के फॉर्मर डीजीपी गौरीशंकर रथ भी मानते हैं कि झारखंड शुरू से ही टेररिस्ट का स्लीपर सेल रहा है। हाल के दिनों में हैदराबाद ब्लास्ट के आरोपी मंजर इमाम की रांची से अरेस्टिंग उनकी बात को जस्टिफाइड भी करती है। मंजर इमाम पुलिस व खुफिया एजेंसियों की नजर में पिछले 2 साल से फरार था, उसका अचानक स्टेट कैपिटल से अरेस्ट होना कई सवाल तो खड़े करता ही है, स्टेट व यहां रहने वाले लोगों की सेफ्टी के साथ ही स्टेट पुलिस की काबलियत व उनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े करता है।

अबू फैजल ने भेजे थे कई e-mails
वर्ष 2011 में भोपाल एटीएस ने सिमी के एक मेंबर अबू फैजल को अरेस्ट किया था। उसके साथ उसकी वाइफ व एक सहयोगी भी थी। वे सभी मानगो में 6 महीने से रह रहे थे, लेकिन पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। इस बीच उसने अपने लैपटॉप से इंटरनेट एक्सेस किया था और अपने सहयगियों को कई ई-मेल भी भेजे थे। इससे कई सारे इन्फॉर्मेशन्स थे। इससे पहले सिटी से लश्कर-ए-तैयबा के एक मेंबर को भी अरेस्ट किया गया है।

साकची है dengerous
साकची आम बगान एरिया की बात की जाए तो यहां कई एजुकेशनल इंस्ïटीट्यूट्स के साथ ही होटल, लॉज व बड़े शॉप्स के साथ ही इंटरनेट कैफेज भी हैं। सिटी के कई इंटरनेट कैफे में ब्राडबैंड कनेक्शन और कई वाई-फाई कनेक्टेड हैं। यहां आप अपने वाई-फाई इनेबल सेल फोन के जारिए आसानी से इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं। वेडनसडे को दिन में एमजीएम हॉस्पिटल कैंपस में इमरजेंसी के पास बीएसएनएल-एपी भी एक्टिव मिला।

चलेगा e-raksha campaign
एडीजी (पुलिस मॉर्डनाइजेशन कम ट्रेनिंग) एसएन प्रधान भी कहते हैं कि स्टेट में 60 से 70 परसेंट लोगों के वाई-फाई अनसेफ हैं। लोगों को इस डेंजरस सिचुएशन के प्रति अवेयर करने के उद्देश्य से ई-रक्षा कैंपेन चलाया जाएगा। इसके जरिए लोगों को सिक्योरिटी के साथ ही वाई-फाई से होने वाले खतरे से भी अवगत कराया जाएगा।

'नक्सली कहीं भी, कभी भी किसी तरह की घटना को अंजाम दे सकते हैं। इस पर ध्यान देने की जरूरत है.'
-जीएस रथ, फॉर्मर डीजीपी, झारखंड
'वाई-फाई का कहीं भी कनेक्ट होना खतरनाक तो है। इसे लेकर रांची में सेफ्टी कैंपेन की शुरुआत की गयी है। अप्रैल में जमशेदपुर में भी कैंपेन चलाया जाएगा.'
-विनीत कुमार, सीडीआरसी (पुलिस हेडक्वार्टर), रांची
'बैंक व इम्पॉर्टेंट बिल्डिंग्स में वाई-फाई होता है, लेकिन उसका लॉक तोडक़र यूज करने के मामले कई बार सामने आए हैं। दिल्ली में तो ऐसे कई इंसिडेंट्स हुए हैं.'
-सुनील कुमार सिन्हा, सेंट्रल इलेक्शन कमिटी, एनएसयूआई
'वाई-फाई के रेंज को कंट्रोल में रखना चाहिए और टाइम टू टाइम इसपर नजर भी रखनी चाहिए। भले ही उसमें सेफ्टी लॉक हो, लेकिन हैकर के लिए कोई काम मुश्किल नहीं है.'
-प्रभजोत सिंह, साकची

Report by: goutam.ojha@inext.co.in

Posted By: Inextlive