When you are away from familly & doctor heart attack can make you panic making situation worse. To avoid any mishap just read & remember the points.


हार्ट अटैक से चेस्ट के बीचों-बीच बहुत तेज दर्द होता है. पेशेंट को ऐसा महसूस होता है कि चेस्ट को फोर्सली प्रेस किया जा रहा है. पेन धीरे-धीरे शोल्डर, थ्रोट, नेक, जाव, लेफ्ट आर्म में और कभी-कभी राइट साइड में भी पहुंच जाता है. इसके अलावा बहुत तेज सांस फूलना, पसीना आना, फीवर फील होना, अचानक वीकनेस और सुस्ती फील करना इसके सिम्पटम्स होते हैं. Pain is not always a symptomहार्ट अटैक हमेशा चेस्ट में पेन के साथ ही नहीं आता है. कई बार  सिम्पटम्स इतने माइल्ड होते हैं कि दर्द का पता ही नहीं चलता. करीब 60 परसेंट लोगों को सोते वक्त हार्ट अटैक आता है और उनकी नींद भी नहीं खुलती है.Don’t ignore any symptom1.आप अपने दोस्तों के साथ इवनिंग वॉक को इंज्वॉय कर रहे हैं. अपने शोल्डर में हल्का पेन महसूस करते हैं लेकिन इसे जनरल पेन समझकर इग्नोर कर देते हैं.


2.घर पहुंचते हैं. फैमिली मेम्बर से बातचीत के दौरान आप कुछ सुस्ती महसूस करते हैं. जबकि इवनिंग वॉक के बाद आपको फ्रेश फील करना चाहिए.

3.आप नहाने के बाद फैमिली के साथ डिनर करने वाले होते हैं लेकिन आपको पसीने आने शुरू हो जाते हैं और आप इनडाइजेशन फील करते हैं. आपको लगता है कि रेस्ट लेने से सब ठीक हो जाएगा.

4.रेस्ट करना हेल्पफुल नहीं होता है. दिक्कत बढ़ती है. इन सबके बावजूद आपको सबकुछ ठीक लगता है. आप खुद से अनजान होते हैं कि आप लाइफ या डेथ की स्टेज पर हैं.5.अचानक आप चेस्ट के बीचोबीच बहुत ज्यादा प्रेशर फील करते हैं. आपको सांस लेने में तकलीफ होती है. चेस्ट का पेन आपके आम्र्स की तरफ भी बढऩे लगता है.6.असल में ये हार्ट अटैक है. आर्टरीज ब्लॉक होने लगती हैं. हार्ट को ब्लड और ऑक्सीजन पहुंचने में दिक्कत होने लगती है. कंडीशन सीरियस हो जाती है और आपको मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है.Before getting medical helpडॉ. आरती लालचंदानी कुछ बातें बताती है जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है•सर नीचे की ओर झुका लें. इससे बे्रन की ओर ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है. •चेस्ट में बहुत तेज दर्द होने पर पैर ऊंचा कर लें. इससे ब्लड सर्कुलेशन हार्ट की ओर तेज हो जाएगा. •अगर सांस बहुत तेजी से चलने लगे तो पैर नीचे लटका लें. •ज्यों ही अटैक आए आप बहुत जोर से खांसें. अटैक से लडऩे का यह एक कारगर तरीका है. Aspirin may be a life saviour
•हार्ट अटैक के सिम्पटम्स का पता चलते ही एस्प्रीन के दो टैबलेट मुंह में डालें, पानी की एक घूंट के साथ इसे घोंट जाएं. •किसी नेबर या फैमिली मेम्बर को जो नजदीक में रहता हो को फोन करें. •इसके बाद चेयर या सोफे पर बैठ जाएं और उनके आने का इंतजार करें. ध्यान रखें लेटे बिल्कुल भी नहीं. •अगर आप एस्प्रीन को लेकर एलर्जीक हैं तो इसे बिल्कुल ही यूज ना करें. डॉक्टर से इसके दूसरे ऑप्शन के बारे में बात करें.How Aspirin works?डॉ. केके त्यागी, कार्डियोलॉजिस्ट बताती है कि," एस्पिरिन टैबलेट को हमेशा अपने साथ रखें. एस्पिरिन हार्ट अटैक पडऩे पर तुरंत इसका इस्तेमाल करना जरूरी है, वरना जान तक जा सकती है. यूं तो एस्पिरिन हार्ट अटैक 35 की उम्र में पड़ते थे लेकिन अब तो 28 साल में भी संभावनाएं होने लगी है.

Posted By: Surabhi Yadav