- बीएड कॉलेज वाले एडमिशन के लिए अपना रहे नए पैंतरे

- कई कॉलेजों में खाते भी नहीं खुले, एडमिशन को तरस रहे

- एडमिशन लेने वालों को लौटा रहे कॉलेज टॉकन की मनी

- कॉलेज के नाम दिए गए ड्राफ्ट का पैसा कर रहे हैं वापस

रूद्गद्गह्मह्वह्ल: बीएड कॉलेज काउंसलिंग शुरू होने के साथ ही खेल करते आ रहे हैं। पहले फर्जी तरीके से कैंडीडेट्स के सीक्रेट कोड चोरी किए। उनकी बिना जानकारी के कॉलेज भी लॉक कर दिए गए। इसके बाद अपने कॉलेजों में एडमिशन के लिए लोगों ने बड़े-बड़े फंडे अपनाए। बस किसी भी तरह कॉलेज में एडमिशन हो जाए। लेकिन कई कॉलेजों में तो खाते भी नहीं खुले। ऐसे कॉलेज एडमिशन के लिए कैंडीडेट्स को लुभाने के लिए कई तरीके अपना रहे हैं। एडमिशन के साथ पैसे भी लौटा रहे हैं।

यह था एंट्रेंस

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी ने बीएड 2014-15 के लिए कंबाइंड एंट्रेंस कराया था। जिसमें कुल मिलाकर दो लाख चालीस हजार कैंडीडेट्स शामिल हुए थे। इनमें मेरठ से चौदह हजार कैंडीडेट्स थे। जबकि इससे पहले एंट्रेंस में करीब पच्चीस हजार कैंडीडेट्स बैठे थे। इसके बावजूद पिछली बार सीटें खाली रह गई थीं। इस बाद तो कैंडीडेट्स की संख्या काफी कम है। जिसकी काउंसलिंग मेरठ में बनाए गए तीन सेंटर्स पर शुरू हुई थी। जहां तीनों सेंटर्स पर करीब एक हजार सीटें लॉक की गई।

काउंसलिंग का सीन

सेशन 2014-15 के लिए बीएड एंट्रेंस में पासआउट कैंडीडेट्स की काउंसलिंग में आने वाले कैंडीडेट्स के पीछे प्राइवेट कॉलेज भी अपनी लुभावनी योजनाएं लेकर लग गए थे। जो कैंडीडेट्स को एडमिशन के लिए अपने कॉलेज का नाम बताने के साथ योजनाएं भी बता रहे हैं।

खेल भी किया

अत तक तो कॉलेज लुभावने सपने दिखा रहे थे, वहीं इन कॉलेजों ने कैंडीडेट्स का सीक्रेट कोड लेकर खुद ही कॉलेज लॉक कर दिए। कॉलेजों की इस हरकत के चलते इन पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश तक दिए गए। इसके बाद काउंसलिंग सेंटर्स पर पांच सौ रुपए के डीडी की डिटेल भी कैंडीडेट्स के वेरिफिकेशन में शामिल की गई। ताकि यह डिटेल केवल कैंडीडेट्स के पास ही रहे और कॉलेज वाले खेल न कर सके। सभी कैंडीडेट्स को अपनी पर्सनल डिटेल किसी को भी देने से मना कर दिया गया था।

एजेंट कर रहे थे खेल

काउंसलिंग के दौरान सर छोटूराम में बीएड कॉलेजों ने अपने एजेंट भी छोड़े हुए थे। जो कैंडीडेट्स को एडमिशन कराने के लिए कोशिश में लगे हुए थे। इनमें से दो एजेंट्स को लास्ट डे पकड़ा भी गया। काउंसलिंग खत्म होने के बाद अब कॉलेज वालों ने अपने एजेंट्स को ऐसे लोगों को खोजने में लगा दिया है जो काउंसलिंग में शामिल हुए या होने वाले हैं। इन लोगों को एडमिशन के साथ उनके पांच हजार के ड्राफ्ट के पैसे भी वापस करने को झांसा भी दे रहे हैं। यह सब उन कॉलेज में हो रहा है, जिनमें एडमिशन के लिए खाता भी नहीं खुला।

यह स्थिति है

सीसीएसयू से संबद्ध बीएड कॉलेजों में चालीस हजार के करीब सीटें हैं। जबकि यहां बीएड एंट्रेंस देने वालों की संख्या काफी कम है। मेरठ जिले से केवल चौदह हजार कैंडीडेट्स ही शामिल हुए थे। अब तक हुई काउंसलिंग में बहुत से कॉलेजों का बुरा हाल है। वे अपने यहां एडमिशन के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। वे एडमिशन के साथ ही पैसे भी वापस करने के लिए कह रहे हैं, जबकि ये कॉलेज स्टूडेंट्स से सरकारी फीस लेने के बाद भी पैसा वसूलते थे। इस बाद तो इनकी मान्यता तक खतरे में दिखाई दे रही है।

यूनिवर्सिटीज से संबद्ध कॉलेज

सीसीएस यूनिवर्सिटी - 312

बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी - 38

छत्रपति साहूजी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर - 158

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी- 68

डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा- 228

राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी फैजाबाद- 149

लखनऊ यूनिवर्सिटी लखनऊ - 42

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी - 66

महात्मा ज्योतिबा फूले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली - 51

सम्पूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी वाराणसी - 9

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर - 73

Posted By: Inextlive