दूसरे के बिछाए कंबल ओढ़ रहे एसी के पैसेंजर
Train no : 14056
Train name : Brahmputra mailDELHI to DIBRUGARH Arrival station@ PATNA : 16:25 PMबिना रैपर के ही दे दिया बेडरॉलगाड़ी संख्या 14056 ब्रहमपुत्र मेल दिल्ली से चलकर पटना जंक्शन होते हुए डिब्रूगढ़ को जाती है। गाड़ी के पटना जंक्शन पहुंचने पर आई नेक्स्ट की टीम ने एसी बोगियों का जायजा लिया और यात्रियों ने बातचीत की। इस दौरान कई यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें जो बेडरोल दिया गया है वो बिना रैपर में पैक किया हुआ था। वैसे यात्री जो कानपुर, मिर्जापुर, इलाहाबाद जैसे बीच के स्टेशनों पर बोर्ड किए थे उनका कहना था कि जो कंबल व बेडरोल उन्हें मिला है वो धुला हुआ नहीं था। शिकयत करने पर केबिन स्टाफ ने कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन, इस बीच दिल्ली में बोर्ड किए यात्रियों ने यह कहा कि उन्हें कंबल और अन्य सामग्री साफ सुथरे मिले थे। ब्रहमपुत्र के पैसेंजर को सबसे अधिक शिकायत दिए गए कंबल से ही थी। यात्रा कर रहे एक यात्री ने कहा कि ट्रेनों में साफ और हल्के कंबल मिलेंगे यह तो सपना ही रह गया है.
ट्रैवल करते वक्त मैं तो अपना चादर साथ रखता हूं। रेलवे का कम्बल ओढऩे लायक नहंी होता है। बस केवल चादर और तकिया ही ठीक है। रेलवे का कंबल ओढ़ लूं तो मैं दमा का मरीज हो जाउंगा।
- शुभम त्रिपाठीदेखिए कब तक हमलोगों को डिजाइनर कंबल मिलता है। फिलहाल तो कंबल बर्थ पर बिछाने के ही काम आता है। बेड रोल भी मुझे कामचलाऊ ही लगा। इन कंबलों व बेडरोल को हर इस्तेमाल के धोया कहां जाता है?शिव गाविंद Train no : 12317Train name : AKAL TAKHT EXPSEALDAH to AMRITSAR JN Arrival station@ PATNA : 16:12 PMबेडरोल ठीक कंबल से हो रही परेशानीगाड़ी संख्या 12317 अकालतख्त एक्सप्रेस अपने निर्धारित समय से लगभग घंटे लेट पटना जंक्शन पहुंची। सियालदह से चली इस ट्रेन के अधिकांश पैसेंजर्स को सबसे अधिक शिकायत कंबल से हो रही थी। लोगों ने कहा कि रेलवे में बदलाव तो दिख रहा है लेकिन, पैंट्री और बेडरोल के मामले में अभी बहुत कुछ बदलना बाकी है। कई यात्रियों ने कहा कि उनके कंबल बिना धुले हुए थे। बी थ्री बोगी में सफर कर रहे तारिक आलम को बरेली जाना है। तारिक ने कहा कि हमने गंदे व बदबू वाले कंबल को बदलने को भी कहा। लेकिन, स्टाफ अनसुना करते हुए आगे बढ़ गया।मुझे बरेली जाना है। कंबल ऐसा मिला है कि इसे ओढ़कर तो बिल्कुल नहीं सो सकता। मैने तो इसे बेड पर डाल लिया है चादर की तरह.
- तारिक आलम मुझे पंजाब जाना है रेलवे ने जो बेडरोल दिया है वो बिना रैपर का था। इसमें तो काफी डस्ट भी है। ऐसे गंदा कंबल ओढऩे से हम बीमार हो जाएंगे। पता चला घर जाते-जाते मुझे इंफेक्शन हो गया। ये तो बीमारी का घर है।- गौरप्रीत Train no : 12367Train name : VIKRAMSHILA EXPBHAGALPUR to ANAND VIHAR TERMINAL Arrival station@ PATNA : 16:55 PMयहां तो जनरल जैसा ही हाल हैगाड़ी संख्या 12367 भागलपुर से चलकर दिल्ली को जाने वाली बिक्रमशिला एक्सप्रेस के पैसेंजर सबसे बुरी स्थिति में नजर आए। अपने ही बर्थ पर बैठे पैसेंजर विदाउट टिकट वाले लग रहे थे। एसी थर्ड कोच में सफर कर रहे अनिल गुप्ता ट्रेन के रुकने के बाद राहत की सांस लेते हैं। गुप्ता कहते हैं कि लग ही नहीं रहा है कि हम एसी का किराया देकर सफर रहे हैं। उन्होने बताया कि भागलपुर के बाद से एसी और जनरल बोगियों का भेद मिटना शुरू हो जाता है। एसी और स्लीपर में वैसे पैसेंजर मिले जिनका टिकट ही वेटिंग रह गया था। इसके साथ ही लोकल यात्रा करने वाले पैसेंजर भी स्लीपर और एसी बॉगियों में सफर करते नजर आए.
एसी और जनरल में कोई अंतर ही नहीं रह गया है। इससे अच्छा तो स्लीपर में टिकट ले लिया होता।- दिनेशलाल ट्रेन में भीड़ इतनी अधिक थी कि पटना आने तक में कि अपनी ही सीट पर किसी तरह बैठकर आया हूं। एसी में भी धड़ल्ले से लोग घुसे जा रहे हैं।- जीतेंद्र ई-बेडरोल की सुविधारेलवे ने हाल ही में ई-बेडरोल की सुविधा भी मुहैया कराई है। इसके तहत पैसेंजर्स टिकट बुक करने के साथ ही बेडरोल का ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं अथवा 250 रुपए में स्टेशनों से भी इसे खरीदा जा सकता है। इसे लोग ट्रेन में इस्तेमाल करने के बाद इसे घर भी ले जा सकेंगे। यात्रियों को 140 रुपए में दो बेडशीट और तकिया तथा 110 रुपए में कंबल मुहैया कराया जाएगा। बीमार बना रहा कंबलहाल ही में इस बात का खुलासा हुआ था कि भारतीय रेल में मिलने वाले कंबल 2-2 महीने तक नहीं धुलते। ऐसे में ट्रेन में मिलने वाले कंबलों से पैसेंजर्स को कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। डॉक्टर के अनुसार गंदा कंबल ओढऩे चिकेनपॉक्स, टीवी, वायरल इंफेक्शन जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही अस्थमा रोगियों के लिए तो यह बहुत ही नुकसानदेह हो सकता है।
इस तरह की शिकायत है। इसे दूर करने की दिशा में काम भी तेजी से चल रहा है। अबतक महीने में एक दिन ही कंबल धुलता था। अब कहा गया है कि कंबल के धोने की फ्रिक्वेंसी को बढ़ाया जाए। जल्द ही बेहतर बदलाव नजर आएंगे. -एके रजक, सीपीआरओ, ईसीआर