-रोजाना लौट रहे दर्जनों मरीज, 15 दिन से नहीं हो रही जांच

-प्राइवेट में पांच से छह हजार रुपए खर्च करने को मजबूर हैं मरीज

ALLAHABAD: बेली हॉस्पिटल की सीटी स्कैन मशीन कितने दिनों में बनेगी, यह सवाल पूछ-पूछकर मरीज थक चुके हैं। यह मशीन पिछले 15 दिन से खराब पड़ी है। इस दौरान रोजाना दर्जनों मरीज निराश होकर वापस लौट रहे हैं। मजबूरी में उन्हें प्राइवेट सेंटर पर सीटी स्कैन की जांच करानी पड़ रही है, जो कि सरकारी के मुकाबले कई गुना महंगी है।

7 से 8 लाख रुपए है कीमत

बताया जा रहा है कि सीटी स्कैन मशीन का मदर बोर्ड खराब हो जाने से उसने काम करना बंद कर दिया है। इसकी कीमत 7 से 8 लाख रुपए बताई जा रही है। सवाल यह उठता है कि शासन के पास इतने पैसे भी नही है कि जिससे मरीज का भला हो सके। इसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि शहर में केवल दो सरकारी हॉस्पिटल में इतनी महंगी जांच उपलब्ध है।

500 की जगह खर्च कर रहे 5000

बेली हॉस्पिटल में सीटी स्कैन की जांच महज पांच सौ रुपए में उपलब्ध है, जबकि प्राइवेट सेटअप में यही जांच पांच हजार रुपए में होती है। इसमें दस गुने का अंतर है। कई मरीज बीपीएल यानी गरीबी रेखा के नीचे होते हैं। इनके पास पांच सौ रुपए भी चुकाने को नहीं होते हैं। इनकी जांच हॉस्पिटल में फ्री होती है। ऐसे में मशीन खराब होने से प्राइवेट में पांच से छह हजार रुपए खर्च करने की हैसियत हर मरीज में नहीं है।

ढुलमुल रवैये से हो रही है दिक्कत

जानकारी के मुताबिक प्रत्येक वर्ष सीटी स्कैन की सालाना मरम्मत के लिए 24 लाख रुपए बतौर बीमा अदा किए जाते हैं। पिछले साल तक यह राशि जमा थी। इस साल संभवत: यह राशि जमा नहीं होने से सीटी स्कैन मशीन की मरम्मत नही हो पा रही है। अगर यह राशि जमा होती है तो मशीन खराब होने पर उसके पा‌र्ट्स और मरम्मत की राशि नही देनी होती है। सोर्सेज बताते हैं कि यह पैसा जमा होता तो मरीजों को इतनी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता।

वर्जन

यह एक महंगी जांच है जो हर हॉस्पिटल उपलब्ध नहीं है। शासन को इस संबंध में पत्र भेज दिया गया है। मशीन जल्द बन जाने से रोजाना 25 से 30 लोगों की जांच हो सकेगी। इससे उनको अधिक लाभ होगा।

-डॉ। कमलाकर सिंह, वरिष्ठ रेडियोलाजिस्ट, बेली हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive