क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ :बेसहारा महिलाओं जिनका कोई नहीं है, जिनके पास कोई ठौर ठिकाना नहीं है. उनके लिए सहारा बनेगा स्वधार गृह. रांची में जल्द ही एक स्वधार गृह होगा, जहां ऐसी महिलाएं अधिकतम पांच साल तक रह सकेंगी. इन महिलाओं को यहां रहने, खाने के अलावा साबुन, तेल व पॉकेट खर्च भी दिया जाएगा. जुलाई महीने तक रांची में स्वधार गृह के संचालन के लिए एजेंसी का भी सेलेक्शन कर लिया जाएगा.

कठिन हालात में मिलेगी मदद

महिला समाज कल्याण विभाग के स्पेशल सेक्रेट्री डीके सक्सेना ने बताया कि स्वधार गृह के माध्यम से वैसी महिलाओं को सब सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिनका कोई सपोर्ट करने वाला नहीं है. उन्होंने बताया कि इस योजना का मकसद कठिन परिस्थितियों में जी रही ऐसी पीडि़त महिलाओं को संबल प्रदान करना है ताकि वे दृढ़ विश्वास व गरिमा के साथ आगे अपना जीवनयापन कर सकें. स्वधार गृह में उन्हें खाना-पीन, कपड़ा और स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा भी मिलेगी. यहां उनकी जरूरत को देखते हुए विशेष देखभाल की जाएगी.

हर सेंटर में 30 महिलाएं रहेंगी

इस योजना के तहत रांची सेंटर सहित दूसरे सभी जिलों के स्वधार गृह में 30-30 महिलाओं को रखने की व्यवस्था होगी. स्वधार गृह में ऐसी पीडि़त महिलाओं की भावना को मजबूत किया जाएगा, जिनकी दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियों में भावनाएं आहत हुई हैं और इन्हें कानूनी मदद व मार्गदर्शन भी मुहैया कराया जाएगा ताकि वे भी समाज की मुख्य धारा में आ सकें. यह स्वधार गृह ऐसी महिलाओं के लिए इस तरह से कार्य करेगी ताकि विपत्ति में यहां आई महिलाओं की जरूरतों को समझते हुए उनकी समस्याओं का समाधान हो सके.

18 साल से अधिक को ही लाभ

डीके सक्सेना ने बताया कि इस योजना का लाभ 18 वर्ष से अधिक उम्र की ही महिलाएं ले सकती हैं. इस योजना में उन महिलाओं को कवर किया जाएगा, जो अकेली हैं और बिना किसी आर्थिक और सामाजिक सहायता के हैं. प्राकृतिक आपदाओं से पीडि़त महिलाएं जिनके पास घर नहीं है और बिना किसी आर्थिक और सामाजिक सहायता के हैं. जेल से छूटी महिला कैदी महिला और जिनका परिवार नहीं है. घरेलू हिंसा से पीडि़त महिलाएं, जिन्होंने पारिवारिक कलह की वजह से अपना घर से छोड़ दिया है. वेश्यालयों व अन्य स्थानों से भागी हुई और बचाई गई महिलाएं व लड़कियां जो शोषण की शिकार हैं और एचआईवी एड्स से पीडि़त हैं वह स्वधार गृह में रह सकेंगी.

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वर्जन

महिलाओं को आत्मबल प्रदान करने, उनको विपत्ति से निकालने व आत्म सम्मान से जीने का अधिकार दिलाने के लिए स्वधार गृह की शुरुआत की जा रही है. जहां महिलाओं को हर तरह की सुविधा मिलेगी.

डीके सक्सेना, स्पेशल सेक्रेट्री, समाज कल्याण, महिला बाल विकास विभाग, रांची

Posted By: Prabhat Gopal Jha