- प्रदेश भर में बेसिक स्कूलों के बिगड़े हालात

अकेले बरेली जिले में 200 से अधिक स्कूलों का करीब एक माह से नहीं खुला है ताला

लाइव रिपोर्ट बरेली के नवाबगंज के मटकुला गांव से

नवाबगंज : प्रदेश में बेसिक शिक्षा का हाल बिगड़ गया है। 14 वर्ष तक के बच्चों को देश में निशुल्क शिक्षा का अधिकार दिया है, इससे इतर प्रदेश में पिछले करीब एक माह से बच्चों के इस अधिकारी पर लापरवाही का ताला पड़ा हुआ है। आई नेक्स्ट ने बचपन को मिले शिक्षा के इस अधिकार की प्रदेश के बेसिक स्कूलों में हकीकत खंगालने की कोशिश की।

नवाबगंज से लाइव रिपोर्ट-

नवाबगंज में है कस्बा मटकुला। कस्बे में प्राथमिक स्कूल पर सुबह 11 बजे ताले पड़े थे। हां स्कूल प्रांगण में बच्चे जरूर खेल रहे थे। बच्चों ने बताया कि मैडम नहीं आई, आज छुट्टी है। ग्रामीणों से बातचीत में पता चला कि स्कूल की महिला प्रधानाध्यापिका का ब्लॉक रिसोर्स ऑफिसर चयन हो चुका है। ऐसे में वे कभी-कभार ही आती हैं। शिक्षामित्र के भरोसे पढ़ाई चल रही थी, पिछले दिनों शिक्षामित्रों के सहायक शिक्षक समायोजन रद होने के बाद से वे भी अनियमित हैं। ऐसे में स्कूल पर बिना किसी सरकारी आदेश के टीचर्स का ताला पड़ा है।

58 बच्चों की शिक्षा अधर में-

मटकुला का प्राथमिक स्कूल यूं तो बहुत सुंदर बना है। पेड-पौधे, रंग-पेट और भूकंप से सुरक्षित कक्ष भी बना है, लेकिन अक्सर स्कूल का ताला ही नहीं खुलता। स्कूल की प्रधानाध्यापिका है शहजादी बानो। जब तक उनके पास स्कूल का पूर्ण जिम्मा था। वे नियमित स्कूल पहुंचती थी। स्कूल में 58 बच्चे अध्ययनरत हैं। कुछ वर्ष पहले शहजादी बानो को बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स कार्डिनेटर) के रूप में चयन हो गया। ऐसे में वे अब स्कूल कम ही जा पाती है।

शिक्षामित्र को भी अब इंट्रेस्ट नहीं-

स्कूल में शिक्षा मित्र मधुलता सहायक शिक्षक के रूप में तैनात की गई थी। जब से कोर्ट के आदेश से शिक्षामित्रों का समायोजन रद हुआ है, उनका भी अब स्कूल में इंट्रेस्ट नहीं रहा। वे मनमर्जी से स्कूल आती है।

बच्चे बोले आज छुट्टी

स्कूल के बाहर खेलती मिली कक्षा पांच की छात्रा आरती ने बताया कि, आज छुट्टी है। बड़ी मैडम विद्यालय आती नहीं। छात्र राजू व धर्मवीर बने बताया कि आज तो छुट्टी है, कई बार स्कूल में छुट्टी ही रहती है।

इनका कहना-

बीएसी में चयन के बाद मैं अक्सर स्कूल नहीं जा पाती हूं, शिक्षामित्र स्कूल संचालित करती हैं। उनसे लगातार संपर्क में रहती हूं। हमारे स्कूल का ही नहीं अधिकतर बेसिक स्कूलों में हालत खराब हैं।

Posted By: Inextlive