-आजाद गैलरी में रखी जाएगी भगत सिंह की पिस्तौल

-इलाहाबाद म्यूजियम प्रशासन की ओर से संस्कृति मंत्रालय को भेजा गया है पत्र

पिस्तौल की खास बातें

08 अप्रैल 1929 को दिल्ली असेंबली हाल में बम फेंकने के दौरान भगत सिंह से ही बरामद हुई थी पिस्तौल, जिसे अंग्रेजों ने कब्जे में ले लिया था।

26 जून 1930 को लाहौर आकर जज जीसी हिलटन के समक्ष अपने बयान दिए थे कि सांडर्स कत्ल के समय बरामद हुई गोलियां व खोल इसी पिस्तौल से चले थे। रॉबर्ट चर्चिल बंदूकों का माहिर था और लंदन में रहता था।

पिस्तौल की खासियत

अमेरिका में हुआ था निर्माण

0.32 बोर

460-एम बट नंबर

168896 बॉडी नंबर एक

महत्वपूर्ण तथ्य

-संस्कृति मंत्रालय के प्रस्ताव पर इलाहाबाद म्यूजियम में देश की पहली आजाद गैलरी बननी है। इसे मंजूरी के लिए म्यूजियम कार्यकारिणी के अध्यक्ष व प्रदेश के गर्वनर रामनाइक के पास भेजा गया है।

-आजाद गैलरी में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजाद हिंद फौज के गठन तक के क्रांतिकारियों के जीवन के अनछुए पहलुओं को दिखाया जाएगा।

- म्यूजियम परिसर की साढ़े छह हजार स्क्वॉयर फीट जमीन में आठ करोड़ की लागत से आजाद गैलरी का निर्माण किया जाएगा।

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ALLAHABAD: इलाहाबाद म्यूजियम में बनने वाली 'आजाद गैलरी' में देशभक्ति की बयार बहेगी। इसमें शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की पिस्तौल रखी जाएगी। इसके लिए संस्कृति मंत्रालय को पत्र लिखा जा चुका है।

बीएसएफ म्यूजियम में है पिस्तौल

म्यूजियम प्रशासन ने जिस पिस्तौल को आजाद गैलरी में लाने की योजना बनाई है, वह इस समय पंजाब के हुसैनीवाला बार्डर पर स्थित बीएसएफ के म्यूजियम में रखी है। म्यूजियम के निदेशक डॉ। सुनील कुमार गुप्ता की मानें तो शहीदे आजम अमेरिका में बनी .32 बोर की कोल्ट सेमी आटोमैटिक पिस्तौल का इस्तेमाल करते थे।

बीएसएफ म्यूजियम जाएगा डेलीगेशन

म्यूजियम प्रशासन की ओर से पिस्तौल लाने के लिए चार दिन पहले संस्कृति मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो पिस्तौल के लिए गृह मंत्रालय की स्वीकृति जरुरी है। दोनों मंत्रालयों के बीच सहमति बनने के बाद म्यूजियम का एक डेलीगेशन हुसैनीवाला स्थित बीएसएफ के म्यूजियम में भेजा जाएगा। ताकि शहीदे आजम की पिस्तौल को यहां लाया जा सके।

वर्जन

शहीदे आजम भगत सिंह की पिस्तौल को म्यूजियम में लाने के लिए संस्कृति मंत्रालय को पत्र भेजा गया है। उम्मीद है कि संस्कृति व गृह मंत्रालय के बीच पिस्तौल भेजने के लिए सहमति बन जाएगी।

डॉ। सुनील कुमार गुप्ता, निदेशक, इलाहाबाद म्यूजियम

Posted By: Inextlive