JAMSHEDPUR: भगवान की दिव्य ज्योति भागवत में समाहित है, इसलिए इसे सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ कहा गया है. यह बात आचार्य राजेंद्र महाराज ने कही. मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी, सुरभि शाखा द्वारा साकची अग्रसेन भवन में चल रहे भागवत कथा के सातवें और अंतिम दिन शनिवार को वृंदावन धाम से आए भागवत कथा वाचक आचार्य ने कहा कि भक्ति के बिना जीवन व्यर्थ है. भगवान अपने मित्र सुदामा से दो मुट्ठी चावल खाकर दो लोक की संपदा प्रदान कर दिया. पंडित सुदामा चरित्र से यह सीख मिलती हैं कि प्रत्येक मनुष्य को संपदा और विपदा का सामना करना पड़ता हैं. आचार्य राजेंद्र महाराज ने शनिवार को कथा के दौरान सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, श्रीशुकदेव विदाई समेत नौ योगेश्वर संवाद प्रसंग का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि गुरू के बिना जीवन में सद्गति नहीं मिलती.

डस्टबीन का वितरण

शनिवार को कथा के दौरान महिलाओं के बीच स्वच्छता अभियान के तहत डस्टबीन का वितरण किया गया. संस्था की महिलाओं ने घरों का कचरा सड़कों पर नहीं फेंकने और अपने शहर को स्वच्छ बनाए रखने का संदेश दिया. शनिवार को यजमान के रूप में राजकुमार दोदराजका, अशोक कुमार अग्रवाल, सुशील बंसल, नरेश अग्रवाल और नंदकिशोर संघी मौजूद थे. रविवार पांच मई को सुबह नौ बजे से हवन के साथ भागवत कथा पूर्णाहुति होगा. भागवत कथा विश्राम के बाद दोपहर 12.30 बजे से महा प्रसाद का आयोजन होगा.

Posted By: Kishor Kumar