-बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर में चल रही भागवत कथा का हुआ समापन

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बाबा त्रिवटीनाथ मंदिर में चल रही संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा का वेडनसडे को समापन हो गया. कथा के विश्राम दिवस पर कथा व्यास पंडित देवेंद्र उपाध्याय ने द्वारकाधीश के विवाह की कथा सुनाई. उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण के 16108 विवाह हुए. जिसमें 8 प्रकार की जो प्रकृति हैं को श्री कृष्ण की आठ पटरानी और सौ उपनिषद एवं वेद के उपासना कांड के 16 हजार मंत्र ही श्री कृष्ण की पत्‍‌नी बन कर के द्वारका में रहते हुए अनेकों लीलाओं में भगवान के साथ रहकर भगवान की कृपा के पात्र हुए. एक बार देवर्षि नारद के मन में विचार आया श्री कृष्ण इतनी पत्‍ि‌नयों के साथ कैसे रहते हो तो देखने आए और उन्होंने पाया भगवान श्री कृष्ण ने 16108 रूप धारण किए हैं और सभी महलों में परिवार के साथ रह रहे हैं.

भगवान के नाम पर न करें ढोंग

कथा व्यास कहते हैं की हर युग में कुछ लोग भगवान के नाम का ढोंग करते हैं. जैसे उस काल में पौंड्रक नाम का व्यक्ति था जो स्वयं को नारायण कहलाने लगा था. परंतु असत्य कभी भी सत्य का स्थान नहीं ले सकता और यदि आज के काल में ऐसे ढोंगी लोग भगवान के नाम का गलत प्रयोग करते हैं तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है.

इस मौके पर प्रताप चंद सेठ, हरिओम अग्रवाल तथा संजीव औतार अग्रवाल आदि मौजूद रहे.

Posted By: Radhika Lala