खचाखच भरी अदालत सभी मौन. आरोपी याचिकाकर्ता वकीलों के साथ-साथ अदालत का सारा स्टाफ बस टेपरिकार्डर में बज रहे शिव विवाह की भजन ‘गौरीजा हो गई सोलह बरस की’ सुनने में व्यस्त. जज साहब भी भजन की एक-एक लाइन बड़ी गौर से सुन रहे थे. शिव विवाह के बाद मां दुर्गा की कई भेंट व भजन सुने गए. दरअसल सोमवार को अदालत में कॉपीराइट एक्ट के मामलों में भजनों की ‘गवाही’ थी. कोर्ट ने कैसेट में गाए गए भजनों के हर शब्दों का मिलान उस पुस्तक से किया जिससे इन भजनों को चोरी करने का आरोप है.


16 साल से चल रहा था मामलाअमृतसर के बृजमोहन भारद्वाज ने वर्ष 1997 में कॉपीराइट एक्ट के तहत सुपर कैसेट, टाइम व टिप्स कंपनी के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी. इस याचिका में उस समय गायक गुलशन कुमार, गायिका अनुराधा पौंडवाल, नरिंदर चंचल के साथ-साथ टिप्स व टाइम कंपनी के सुभाष दुर्रानी व विजय दुर्रानी को आरोपी बनाया गया था. 16 सालों से चल रहे इस मामले में पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने अमृतसर अदालत को दोबारा सुनवाई के आदेश दिए थे.कुछ आरोपी भगोड़ा घोषित
केस की पैरवी कर रहे एडवोकेट रवि बी महाजन कहते हैं कि कॉपीराइट के मामले में अदालत ने 1998 में समन जारी किए थे. कुछ आरोपियों को तो अदालत ने भगोड़ा करार दे दिया था. इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. हाई कोर्ट के आदेश पर दोबारा अब सारे मामले की सुनवाई हो रही है. गुलशन कुमार की हत्या के बाद इस मामले में पैरवी उनके बेटे भूषण कुमार कर रहे हैं. Report by: Ramesh Shukla 'Safar' (Dainik Jagran)

Posted By: Satyendra Kumar Singh