-श्री हरि मंदिर में सुबह को सुनाई पं। रामदेव शास्त्री ने कथा में गणेश महिमा का किया वर्णन

-श्री बांके बिहारी मंदिर में श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल ने भजन संध्या में सुनाए भजन

BAREILLY :

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से कार्यक्रम में श्रीहरि मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में फ्राइडे को भजन संध्या का आयोजन किया गया,जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। श्री हरि मंदिर में वृन्दावन से पधारीं ब्रज रसिका साध्वी पूनम ने भजन संध्या में बरसाना बना दिया। वहीं श्री बांके बिहारी मंदिर में श्री राधा माधव संकीर्तन मंडल बरेली ने भजन संध्या हुई।

राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो

राजेंद्र नगर स्थित श्रीबांके बिहारी मंदिर में चल रहे राधा अष्टमी महोत्सव पर श्रीराधा माधव संकीर्तन मंडल ने भजन संध्या पर प्रस्तुति दी। भजन संध्या का प्रारंभ गणेश वंदना, 'गाइए गणपति जगवंदन, शंकर सुवन भवानी के नंदन, से प्रारंभ हुआ। जिसके बाद 'हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे, हरे की मधुर धुन से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। भजन गायक युधिष्ठिर मलिक एवं सुनील मलिक ने भजन सुनाए। जिसमें 'चरण कमल बंदौ हरि राइ, जाकी कृपा पंगु गिरि लंघे, अंधे को सब कुछ दर्शाई, पर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इसके उपरांत रामचरितमानस की चौपाइयां मंगल भवन अमंगल हारी, द्रबहूं सो दशरथ अजिर बिहारी, आदि सुनाया। जिस देश में, जिस वेश में, परिवेश में रहो, राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो, आदि भजनों को सुनाया। मीडिया प्रभारी जगदीश भाटिया ने बताया कि शनिवार 15 सितंबर को श्री वैष्णो देवी बुआदाती संकीर्तन मंडल बरेली का कार्यक्रम रात्रि 8:00 बजे से होगा। कार्यक्रम में सुरेश पाठक, जगदीश भाटिया, विजय गुप्ता, विजय बंसल, विमल महरोत्रा, राजीव भसीन, दिनेश तनेजा, मनोहर लाल और रमेश खानीजो आदि मौजूद रहे।

सुबह को सुनाई भक्तमाल की कथा

श्री हरि मंदिर में चल रहा 58वां भक्ति ज्ञान वार्षिक महोत्सव में वृन्दावन से आई ब्रजरसिका साध्वी पूनम ने भजन सुनाए। जिसमें गुरु देव दया करना मुझको अपना लेना, ये तो रसिको की रिझावन, हमारी राधा रानी, अगर श्याम जू न होती तो हम जैसों का क्या होता, मुश्किल है सहन करना, ये दर्द जुदाई का, कान्हा की दीवानी वन जाउंगी, राधारानी के अवतार को भयो अवतार बधाई बाज रही आदि भजनों पर भक्त झूम उठे। वहीं सुबह को पं। रामदेव शास्त्री ने भक्तमाल की कथा सुनाते हुए गणेश जी की महिमा का वर्णन करते हुए माता पार्वती ने जिस पुत्र को जन्म दिया उसका नाम विनायक रखा। बाद में शनि की दृष्टि बालक के ऊपर पड़ने से उसके सिर को शिव जी ने काट दिया। बाद में हथिनी के बच्चे का सिर लगा दिया और हमेशा को पूज्य बना दिया। उन्होंने बताया कि जिसका सिर मां के चरणों में झुक जाता है वह हमेशा पूज्यनीय हो जाता है। कार्यक्रम में श्री हरि मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष सतीश खट्टर, सुशील कुमार, सचिव रवि छावड़ा, संजय आनंद, जितिन दुआ, अश्वनी ओबराय और रंजन कुमार आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive