- मालवीय परिवार को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा

- दिल्ली से वापस लौटने के बाद जताई खुशी

ALLAHABAD: महामना मदन मोहन मालवीय को मिले भारत रत्‍‌न की खुशियों के बीच एक कसक बाकी रह गई। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी जाने से भारत रत्‍‌न को प्रयाग आना चाहिए था। ताकि, प्रयागवासी उसका दीदार कर दिल से लगा पाते। ये कहना था महामना की पौत्रवधु सरस्वती मालवीय का। बुधवार को नई दिल्ली से इलाहाबाद लौटने के बाद उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एक बड़े समारोह का आयोजन हो, इसके बाद भारत रत्‍‌न को बीएचयू के संग्रहालय में रखवा दिया जाता।

जारी रहा बधाइयों का सिलसिला

महामना को भारत रत्‍‌न दिए जाने की घोषणा के बाद से उनके परिजनों को बधाई देने का सिलसिला जारी है। बुधवार को इलाहाबाद वापस लौटने के बाद भी जार्जटाउन स्थित सरस्वती मालवीय के घर पर आने जाने वालों का तांता लगा रहा। मिठाई खाने-खिलाने के बीच खुशी के गीत गाए जाते रहे। बता दें कि भारत रत्‍‌न ग्रहण करने के लिए सरस्वती मालवीय के साथ उनके बेटे प्रदीप मालवीय भी नई दिल्ली गए थे। बुधवार को परिवार वालों का कहना था कि इस सम्मान से वह बेहद खुश हैं। उन्हें महामना के परिवार में जन्म लेने पर गर्व है। परिजनों ने इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महामना को भारत रत्‍‌न दिए जाने के लिए चुनने पर धन्यवाद भी दिया।

धूमधाम से हुआ गिरधर मालवीय का स्वागत

दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह से लौटे महामना के पौत्र जस्टिस गिरधर मालवीय का जंक्शन पर जोरदार स्वागत किया गया। प्रयागराज एक्सप्रेस लौटे गिरधर मालवीय का स्वागत ढोल-नगाड़ों के साथ व्यापारी एकता समिति उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल की अगुवाई में किया गया। इस मौके पर सत्य प्रकाश तिवारी, अयोध्या प्रसाद अग्रहरि, बृजेश निषाद, सुभाष चंद्र, सुनील अग्रहरि आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive