2 जुलाई 2019मंगलवार पितृ दोष के कारण कर्ज दोष दोनों का भौमवती अमावस्या पर करें पितृदोषकर्ज दोष निवारण।


शास्त्रों के अनुसार मंगल के दिन,वृद्धि योग आदि में ऋण नही लेना चाहिए, यद्यपि मंगलवार के दिन ऋण वापस करना उचित रहता है।इस परिप्रेक्ष्य में मंगल से सम्बंधित धनदायक योग इस बार भौमवती अमावस्या आषाढ़ कृष्ण पक्ष  तारिख 02 जुलाई 2019,दिन मंगलवार को यह योग घटित हो रहा है।मुहूर्त चिंतामणिकार के अनुसार मंगलवारी अमावस्याओं को "पुष्कर योग" की उपमा दी गई है, इस दिन किये गए दान ,यज्ञ एवं मंत्र जाप सूर्य-ग्रहण में किये गए दान के बराबर महत्वपूर्ण लिखें हैं।मंगलवारी अमावस्या में जप दान आदि का फल सहस्त्र गोदान के बराबर मिलता है।       


इस दिन सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है परंतु भारत वर्ष में अदृश्य होने के कारण इसका कोई भी प्रभाव भारत वर्ष में नहीं पड़ेगा। दिनाँक 03 जुलाई 2019 से आषाढ़ गुप्त नौ रात्र आरम्भ हो रहे हैं।भौमवती अमावस्या के दिन इस योग में गणेशजी की स्तुति के साथ शिव आराधना करना एवं चांदी के शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना कर्ज से मुक्ति के साथ धन-धान्य बढ़ाता है।पीतल के शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना भी दरिद्रता का निवारण करता है।इस योग में ऋण-मोचन मङ्गल स्त्रोत का पाठ करना भी ऋण से मुक्ति दिलाता है।कर्ज निवारण के लिए 21 मंगलवार बिना नमक के भोजन करें,मंगलवार के दिन मङ्गल मंत्र का जाप करें।

भौमवती अमावस्या पर कैसे करें पितरों को प्रसन्न।अमावस्या का अर्थ है एकत्र वास करने वाली अर्थात सूर्य चन्द्र एक स्थान पर रहते हैं।अतः इस तिथि को अमावस्या कहते हैं।इस दिन पितरों के निमित्त विधिवत पूजन व परिक्रमा की जाए और इसका फल पितरों को अर्पण कर दिया जाए तो वर्षों के भूखे पितृ मात्र एक ही दिन में तृप्त होकर,कर्ता को धन धान्य से परिपूर्ण प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं, यदि इस दिन पीपल पूजन एवं पीपल की 108 परिक्रमा के बाद पितरों के मोक्ष हेतु विधिवत नान्दी श्राध्द किया जाए तो पितर अवश्य मुक्ति प्राप्त कर जातक को सन्तति, सम्रद्धि से  परिपूर्ण करते हैंपितर शांति मंत्र..."ॐ सर्व पितृ परम प्रसन्नो भव ॐ"।कैसें करें पीपल वृक्ष पूजन

प्रथम पीपल पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं, भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए नमन करें,इसके बाद दायीं ओर घी का दीपक बायीं ओरे तेल का दीपक जलाएं, घी के दीपक के नीचें चने की दाल  तथा तेल के दीपक के नीचें काले उरद एवं काले तिल रखें इसके बाद पीपल वृक्ष को विष्णु मय समझकर षोडशोपचार विधि से पूजन करें, इसके परिक्रमा आरम्भ कर पीपल वृक्ष पर थोड़ा जल छिड़क कर, थोड़ा फूल चढ़ाएं ,इसके बाद कच्चा सूत पीपल पर लपेटें तथा परिक्रमा करते हुए मंत्र "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः"बोलते हुए परिक्रमा करें तथा प्रार्थना करें भोमवती अमावस्या पर गायों को गुड़ खिलाने एवं इस दिन लाल वस्त्र, स्वर्ण आदि दान का भी विशेष महत्व है। इति श्री।ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा,बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली

Posted By: Vandana Sharma