भविष्य बद्री और तुंगनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं. भगवान भविष्य बद्री और बाबा तुंगनाथ अपने-अपने धाम में विराज चुके हैं.


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JOSHIMATH: बद्रीविशाल के साथ ही पंचबद्री में शामिल पांचवें बद्रीश भविष्य बद्री मंदिर के कपाट भी फ्राइडे को शुभ मुहूर्त पर श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए गए. जबकि पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ भी दोपहर 12 बजे हिमालय स्थित अपने धाम में विराजमान हो गए. जोशीमठ-मलारी मार्ग पर समुद्रतल से 2744 मीटर (9000 फीट) की ऊंचाई पर तपोवन के पास सुभाई गांव में स्थित भविष्य बद्री मंदिर के कपाट सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर खोले गए. मंदिर के पुजारी हनुमान प्रसाद डिमरी ने पूजाएं संपन्न कराईं. भगवान को दाल-चावल व केसर का भोग लगाया गया. इस दौरान ग्रामीणों ने मंदिर के बाहर जौ की बालियां लगाकर खुशहाली की कामना की. कपाट खुलने के मौके पर स्थानीय महिलाओं ने ट्रेडिशनल वाद्य यंत्रों की धुनों पर फोक डांस प्रस्तुत किए. 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने भविष्य बद्री के दर्शन किए.

बाबा तुंगनाथ के कपाट भी खुले11349 फीट की ऊंचाई पर पंचकेदारों में शामिल तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट भी फ्राइडे को विधि-विधान के साथ खोले गए. कपाट खुलने के मौके पर तुंगनाथ मंदिर को छह क्विंटल फूलों से सजाया गया था. कपाटोत्सव के मौके पर 800 से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे. इस दौरान पूरा मंदिर परिसर भगवान तुंगनाथ के जयघोषों से गुंजायमान रहा.

 

Posted By: Ravi Pal