पितृ दोष के कारण कर्ज दोष दोनों का भौमवती अमावस्या पर करें पितृदोष, कर्ज दोष निवारण

बरेली: आषाढ़ कृष्णपक्ष को मनाई जाने वाली भौमवती अमावस्या 2 जुलाई को यानि आज मंगलवार को मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार ट्यूज डे के दिन वृद्धि योग आदि में ऋण नहीं लेना चाहिए, ऋण वापस करना उचित रहता है। कर्ज निवारण दोष के लिए भौमवती अमावस्या का पूजन करना शुभ रहेगा। मुहूर्त चिंतामणिकार के अनुसार मंगलवार को अमावस्याओं को पुष्कर योग, की उपमा दी गई है। इस दिन किए गए दान, यज्ञ एवं मंत्र जाप सूर्य-ग्रहण में किये गए दान के बराबर होता है। इस बार भौमवती अमावस्या को सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है, लेकिन यह देश में अदृश्य होने के कारण इसका कोई भी प्रभाव देश में नहीं पड़ेगा।

3 जुलाई से गुप्त नवरात्र

बालाजी ज्योतिष संस्थान के पं। राजीव शर्मा का कहना है कि 03 जुलाई से आषाढ़ गुप्त नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। भौमवती अमावस्या के दिन इस योग में गणेशजी की स्तुति के साथ शिव आराधना करना एवं चांदी के शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना कर्ज से मुक्ति के साथ धन-धान्य बढ़ाता है। पीतल के शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना भी दरिद्रता का निवारण करता है। इस योग में ऋण-मोचन मंगल स्त्रोत का पाठ करना भी ऋण से मुक्ति दिलाता है। कर्ज निवारण के लिए 21 मंगलवार बिना नमक के भोजन करें। मंगलवार के दिन मंगल मंत्र का जाप करें।

पितरों को ऐसे करें प्रसन्न

अमावस्या का अर्थ है एकत्र वास करने वाली अर्थात सूर्य चंद्र एक स्थान पर रहते हैं। इस तिथि को अमावस्या कहते हैं। इस दिन पितरों के निमित्त विधिवत पूजन व परिक्रमा की जाए और इसका फल पितरों को अर्पण कर दिया जाए तो वषरें के भूखे पितृ मात्र एक ही दिन में तृप्त होकर, कर्ता को धन धान्य से परिपूर्ण प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन पीपल पूजन एवं पीपल की 108 परिक्रमा के बाद पितरों के मोक्ष हेतु विधिवत नान्दी श्रृद्धा किया जाए तो पितर अवश्य मुक्ति प्राप्त कर जातक को सन्तति, समृद्धि से परिपूर्ण करते हैं।

कैसे करें पीपल वृक्ष पूजन

प्रथम पीपल पर दूध मिश्रित जल चढ़ाएं, भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए नमन करें, इसके बाद दायीं ओर घी का दीपक बायीं ओर तेल का दीपक जलाएं। घी के दीपक के नीचे चने की दाल तथा तेल के दीपक के नीचे काली उरद एवं काले तिल रखें इसके बाद पीपल वृक्ष को विष्णुमय समझकर षोडशोपचार विधि से पूजन करें। इसकी परिक्रमा आरंभ कर पीपल वृक्ष पर थोड़ा जल छिड़क कर थोड़े फूल चढ़ाएं। इसके बाद कच्चा सूत पीपल पर लपेटें तथा परिक्रमा करते हुए मंत्रनमो भगवते वासुदेवाय नम: बोलते हुए परिक्रमा करें।

Posted By: Inextlive