सरकारी दफ्तर से काम करवाना आसान नहीं है ये तो सभी कहते हैं पर ये कितना मुश्‍किल है इस बात का अहसास भोपाल के दशरथ सुर्यवंशी को तब हुआ जब वे अपने बेटे की स्‍कूल फीस के बारे में आरटीई के सिलसिले में जिला कलेक्‍टर के ऑफिस पहुंचे। अंत में उन्‍होंने अपनी बात कहने का अनोखा तरीका खोजा। जानिए क्‍या है वो तरीका

क्या था मामला
दरसल जनसुनवाई कक्ष में 16 फरवरी को दिए गए आवेदन पर सुनवाई नहीं होने पर भोपाल के रीछाबच्चा निवासी दशरथ सूर्यवंशी ने जिला कलेक्टर के कार्यलय पहुंचे। उनका कहना था कि 2012 में आरटीई के तहत उनके अंकुर विद्यालय दलौदा में एलकेजी में भर्ती हुए पुत्र की फीस शासन ने जमा नहीं की है। और अब स्कूल से तीन साल की फीस 27 हजार 250 रुपए मांगी जा रही है। बार बार पूछने पर भी उनकी बात की कोई सुनवाई नहीं हुई

WATCH: Man dances in front of Collector in Mandsaur(MP) claiming he has been repeatedly denied to put forth his pleahttps://t.co/xgQYmsjo1A

— ANI (@ANI_news) February 23, 2016


नृत्य कर विरोध जताया
जब दशरथ ने पाया कि ना तो उनकी बात सही तरीके सुनी जा रही है और ना ही उन्हें कोई संतोष जनक जवाब दिया जा रहा है। इस पर वे बेहद दुखी हो गए और उन्होंने अपनी परेशानी समझाने के लिए अनोखा तरीका खोजते हुए कलक्टर के सामने नृत्य करना शुरू कर दिया। उनकी इस हरकत से वहां मौजूद सभी लोग हक्का बक्का रह गए। साथ ही कलेक्टर सहित कार्यालय के सभी लोग शर्मिंदगी भरी असुविधाजनक स्थिति में आ गये। हालाकि बाद में नृत्य करने पर उसे सुरक्षाकर्मियों ने बाहर निकाल दिया, पर उनकी बात का असर पड़ा और उनकी बात पर ध्यान दिया गया। अब कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि वे दशरथ के पुत्र का मामला दिखवा रहे हैं और यदि उसकी आरटीई में भर्ती हुई है तो फीस भी जमा होगी।

 

inextlive from Spark-Bites Desk from

Posted By: Molly Seth