-डेंटल साइंस फैकल्टी बीएचयू में इंडियन आर्थोडोन्टिक दिवस का किया गया आयोजन

-डॉक्टर्स ने टेढ़े मेढ़े दांतों व जबड़ों के इलाज में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर की चर्चा

VARANASI

बनारस आर्थोडोन्टिक स्टडी गु्रप की ओर से डेंटल साइंस फैकल्टी बीएचयू की ओर से इंडियन आर्थोडोन्टिक दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट शामिल दन्त चिकित्सा विज्ञान संस्थान पटना से आए प्रो। उमेश गोलवारा ने शिरकत की। उन्होंने आर्थोडोन्टिक स्पेशियलिटी को इतिहास के बारे में प्रकाश डाला और बताया कि आज चीजें आधुनिक एवं सरल हो गयी हैं। आधुनिक विधियों से इलाज करने में मरीजों और डेन्टिस्ट का भी काफी समय बचता है।

स्टूडेंट्स को किया प्रेरित

कार्यक्रम संयोजक प्रो। टीपी चतुर्वेदी ने बताया कि इंडियन आर्थोडोन्टिक सोसाइटी का गठन 5 अक्टूबर 1965 को भारत के आर्थोडोन्टिक स्पेशियलिस्ट ने किया था। उसी क्रम में दन्त चिकित्सा विज्ञान संकाय बीएचयू के आर्थोडोन्टिक स्टडी ग्रुप का गठन 2011-12 में किया था। उन्होंने दन्त चिकित्सा के स्टूडेंट्स को आर्थोडोन्टिक स्पेशियलिटी को चुनने के लिए प्रेरित किया। प्रो। अतुल भटनागर ने बताया कि आर्थोडोन्टिक स्पेशियलिटी का टेढे़ मेढ़े दांत व जबडे़ को सही करने में प्राथमिक योगदान रहता है। डॉ। आशीष, डॉ। विपुल, डॉ। अजीत परिहार व डॉ। अदित श्रीवास्तव ने भी टेढे़-मेढे़ दांतों से सम्बन्धित दिक्कतों के उपचार पर चर्चा की। डॉ। नीतीश शुक्ला, डॉ। शिवम, डॉ। स्नेहा सिंह, डॉ। परनिता एवं अन्य आर्थोडोन्टिक उपस्थित रहे। प्रो। टीपी चतुर्वेदी ने सबका आभार व्यक्त किया।

Posted By: Inextlive