- आयुर्वेद फैकल्टी बीएचयू के डीन की नियुक्ति में गड़बड़ी को लेकर एडमिनिस्ट्रेशन हुआ सख्त

- एग्जिक्यूटिव काउंसिल में मसले पर होगी चर्चा, अधिनियम बदलने की भी है संभावना

VARANASI

बीएचयू के आयुर्वेद संकाय के डीन की नियुक्ति के मसले को लेकर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन सख्ती के मूड में है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्टेशन ने इस मामले को इसी महीने होने वाले एग्जिक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में ले जाने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अधिनियम को ही बदला जा सकता है। जिसको आधार बनाकर प्रो। यामिनी भूषण त्रिपाठी डीन बने हैं।

कोर्स पर मंडराने लगा थ्ा खतरा

बताते चलें कि सीसीआईएम पहले ही आयुर्वेद संकाय प्रमुख की नियुक्ति को अयोग्य करार दे चुका है। यह भी कहा गया था कि अगर नियमों की अनदेखी की गई तो बीएएमएस/एमडी आयुर्वेद कोर्स की अनुमति को वापस ले ली जाएगी। साथ ही काउंसिल ने यह भी कहा था कि नियमों के अनुसार आयुर्वेद योग्यता वाला ही प्रिंसिपल, डीन या डायरेक्टर बन सकता है, जिसके पास बीएएमएस व एमडी आयुर्वेद की डिग्री होनी चाहिए।

आयुष मंत्रालय हुअा सक्रिय

यह मामला कोर्ट में भी गया था। इधर पिछले महीने आयुष मंत्रालय ने वीसी को पत्र लिखकर डीन को बदलने के लिए कहा था। हालांकि कर्मचारियों ने इस पत्र को काफी दिनों तक दबाए रखा, जिसके कारण यह मामला वीसी तक नहीं पहुंच पाया। हालांकि अब वीसी ने इस मामले को संज्ञान में ले लिया है। इसके अलावा इसी की मीटिंग में जुलॉजी डिपार्टमेंट में पिछले दिनों प्रोफेसर के द्वारा छात्राओं के साथ छेड़खानी करने के मामले पर भी चर्चा की जायेगी।

आयुर्वेद के डीन का मामला 26 नवंबर को होने वाली ईसी की बैठक में रखा जाएगा। यह मामला गंभीर है। संबंधित विभागों की काउंसिल के नियमों का भी अनुपालन किया जाएगा। इसलिए इसका हल निकालना होगा।

प्रो। राकेश भटनागर, वीसी बीएचयू

Posted By: Inextlive