-यूनिवर्सिटी के नर्सिग स्टूडेंट्स ने कोर्स के मान्यता की मांग को लेकर दिया धरना

-चीफ प्रॉक्टर व एक टीचर पर लगाया मारपीट व दु‌र्व्यवहार का आरोप

-शाम को मिले आश्वासन के बाद खत्म किया धरना

VARANASI

बीएचयू में आये दिन किसी न किसी कारण कैंपस का माहौल गर्म हो जा रहा है। अभी लॉ फैकल्टी के स्टूडेंट्स एग्जाम में बैठने नहीं दिये जाने के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। गुरुवार को नर्सिग के स्टूडेंट्स का कोर्स के मान्यता की मांग को लेकर गुस्सा उफान पर आ गया। सेशन 2015, 2016 व 2017 के स्टूडेंट्स की डिग्री को मान्यता दिलाने को लेकर नर्सिग के स्टूडेंट्स सड़क पर उतर आये। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के लोगों ने उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की। इस दौरान उनसे हाथापायी भी हुई। स्टूडेंट्स का आरोप है कि चीफ प्रॉक्टर व नर्सिग कॉलेज की एक टीचर ने उन्हें थप्पड़ से मारा और बदसलूकी की। जिसके बाद स्टूडेंट्स का गुस्सा और बढ़ गया। इसका नतीजा यह हुआ कि उनके धरना प्रदर्शन के दौरान इस थप्पड़ की गूंज पूरे दिन सुनायी देती रही। देर शाम किसी तरह स्टूडेंट्स बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन से मिले जहां आश्वासन के बाद धरना खत्म किया।

300 का फ्यूचर अधर में

बीएचयू के नर्सिग कॉलेज में पढ़ने वाले तकरीबन 300 स्टूडेंट्स का फ्यूचर अधर में फंस गया है। इसका कारण इंडियन नर्सिग काउंसलिंग की ओर से 2015, 2016 व 2017 की डिग्री की मान्यता पर रोक लगा देना है। स्टूडेंट्स का कहना है कि अगर हम यहां से पढ़ कर जायेंगे तो न तो हमें एमएससी कोर्स में एडमिशन मिलेगा और न ही कहीं नौकरी। ऐसे में जब हमने बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन से कोर्स के मान्यता की मांग की तो उन्होंने हमारी पिटायी करा कर दी। उनका कहना है कि इस बाबत हमने डायरेक्टर से भी बात की थी लेकिन कोई सॉल्यूशन नहीं निकला। आरोप लगाया कि धरने पर बैठने के बाद चीफ प्रॉक्टर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचीं और उन्होंने स्टूडेंट्स को घसीट कर हटाने का प्रयास किया। नर्सिग स्कूल की एक टीचर ने कई लड़कियों को मारा और मीडियाकर्मियोंसे भी हाथापाई की। धरना के दौरान एसएस हॉस्पिटल के एमएस प्रो। वीएन मिश्रा भी स्टूडेंट्स से मिले पर कुछ बात नहीं बनी.

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कम है स्टाफ, रोक दी मान्यता

सूत्रों का कहना है कि बीएचयू के नर्सिग कॉलेज की मान्यता इंडियन नर्सिग काउंसिल ने मानक के अनुरूप स्टाफ व अन्य जरूरतों के पूरा नहीं होने के कारण रोक रखी है। इतना ही नहीं कोर्स की सीटें भी घटा दी गयीं। इसके बाद स्टेट मेडिकल फैकल्टी से संचालित करने की बात कही, लेकिन प्रशासन ने इसमें रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार की सूची में बीएचयू का नर्सिग कॉलेज ही नहीं है।

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चार मार्च तक मांगा समय

दिन भर चले धरना प्रदर्शन और बवाल के बीच देर शाम प्रॉक्टोरियल बोर्ड की प्रो। श्रद्धा सिंह ने स्टूडेंट्स को समझाया तब जाकर उन्होंने धरना समाप्त किया। प्रो सिंह ने स्टूडेंट्स से प्रक्रिया पूरा करने के लिए चार मार्च तक समय मांगा। उन्होंने इस बाबत की जा रही कार्रवाई को लेकर रजिस्ट्रार का पत्र भी स्टूडेंट्स को दिखाया। स्टूडेंट्स इस आश्वासन के बाद मान गये और उन्होंने अपना धरना-प्रदर्शन खत्म कर दिया।

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वीडियो हुआ वायरल

चीफ प्राक्टर रॉयना सिंह व नर्सिग कॉलेज की एक टीचर के धरना दे रहे स्टूडेंट्स के साथ हाथापाई किये जाने का वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में चीफ प्रॉक्टर धरने पर बैठी स्टूडेंट्स को जबरन हटाने का प्रयास करती दिख रहीं हैं। वहीं दूसरे वीडियो में नर्सिग कॉलेज की टीचर द्वारा स्टूडेंट्स पर हाथ चलाने और उनका मोबाइल छीनने का दृश्य है।

वर्जन

किसी भी स्टूडेंट का अहित होने नहीं दिया जायेगा। उनकी जो भी समस्या है उसको हल किया जायेगा। जहां तक दु‌र्व्यवहार की बात है तो इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। स्टूडेंट्स को संयम से काम लेना चाहिए।

डॉ राजेश सिंह, प्रवक्ता बीएचयू

Posted By: Inextlive