-डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने डेंटल प्रोफेशनल्स के लिए जारी किये निर्देश

-सतत दंत शिक्षा कार्यक्रमों में शामिल होकर 20 सीडीई हासिल करना होगा जरूरी

VARANASI

भारत में दंत चिकित्सा में लगातार सुधार आ रहा है। इसके बावजूद इसमें अभी भी बहुत से सुधार की गुंजाइश है। भारत सरकार के पास ऐसी रिपोर्ट है जिसमें कई खतरनाक बीमारियां जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस के बढ़ने में असुरक्षित तरीके से दांतों का इलाज भी एक कारण के रूप में शामिल है। इस खतरे को कम करने के लिए भारत सरकार ने गाइड लाइन जारी किया गया है। जिसमें सभी डेंटिस्ट्स के लिए सतत दंत शिक्षा अनिवार्य करते हुए एक मानक सीडीई पॉइंट भी निर्धारित किया है। सभी दंत चिकित्सकों को मानक के अनुरूप सीडीई पाइंट हासिल करना जरूरी होगा वरना उनका रजिस्ट्रेशन रद्द किया जा सकता है।

गजट िकया जारी

डेंटल साइंस फैकल्टी बीएचयू के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। पवन दूबे बताते हैं कि भारत सरकार की ओर से डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने पांच सितंबर 2018 को जारी गजट में सभी डेंटल प्रोफेशनल्स के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किया है। जिसमें उन्हें साल भर में सतत दंत शिक्षा के तहत 20 सीडीई पॉइंट हासिल करना अनिवार्य किया गया है। बताया कि सीडीई के अर्थ लेक्चर, वर्कशॉप, प्रदर्शन, व्यवहारिक अनुभव के जरिये दंत चिकित्सा से जुड़े लोगों के ज्ञान, कौशल को बढ़ाना और उसमें सुधार करना है। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने हर डेंटल प्रोफेशनल के लिए उसके द्वारा अटेंड किये गये सतत दंत शिक्षा के अलग अलग कार्यक्रमों के लिए अलग अलग पॉइंट्स भी निर्धारित किये हैं। 20 पॉइंट्स से कम होने पर डेंटिस्ट्स का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर दिया जायेगा।

Posted By: Inextlive