- BHU स्टूडेंट्स की ओर से अश्लीलता के खिलाफ चलाये गए कैंपेन की एक और सफलता

- मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉरमेशन एण्ड ब्रॉडकास्ट ने इस मामले पर दिखाई गंभीरता

VARANASI:

एमएमवी बीएचयू के स्टूडेंट्स के अश्लीलता के खिलाफ चलाये गए कैंपेन पर सेंट्रल इंफॉरमेशन एण्ड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री की भी नजर है। मिनिस्ट्री ने दुकानों में विज्ञापन के नाम पर लगाये गए महिलाओं के भद्दे फोटोज और कम कपड़ों में लगाये गए मैनीक्वीन्स को महिलाओं का अपमान माना है और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने को कहा है।

भ्,000 का कराया था सिग्नेचर

सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। प्रतिमा गोंड के नेतृत्व में एमएमवी बीएचयू के स्टूडेंट्स की एक टीम ने कैंपस में अश्लीलता के खिलाफ कैंपेन चलाया था। कैंपेन के तहत लोगों को दुकानों में लगाये जाने महिलाओं के अश्लील विज्ञापनों के खिलाफ अवेयर कर उनके सिग्नेचर लिये गए थे। स्टूडेंट्स ने पांच हजार लोगों को अपने इस सिग्नेचर कैंपेन से जोड़ा। जिनसे उन्होंने अश्लीलता के खिलाफ इस जंग में शामिल होने की अपील की।

भेजा गया मंत्री से लेकर संतरी तक

इन पांच हजार सिग्नेचर की कॉपी शासन से लेकर प्रशासन तक भेजा गई। इस पूरे कैंपेन का नेतृत्व कर रहीं डॉ। प्रतिमा ने बताया कि स्टूडेंट्स ने पूरे कैंपस में घूम-घूम कर लोगों के सिग्नेचर करवाये। उनके इस कैंपेन को मैक्सिमम लोगों का सपोर्ट मिला। स्टूडेंट्स ने न केवल इन सिग्नेचर्स को कलेक्ट किया बल्कि उन्हें देश के सभी जिम्मेदार ओहदों को संभाल रहे लोगों तक भेजा गया। खास यह रहा कि हर जगह से रिस्पॉन्स आया।

महिला आयोग ने भी की सिफारिश

डॉ। प्रतिमा के मुताबिक स्टूडेंट्स की इस पहल को महिला आयोग ने भी सीरियसली लिया है। आयोग ने विज्ञापनों में महिलाओं के गलत इस्तेमाल पर रोक लगाने की सिफारिश की। लोकल लेवल पर भी एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से अभियान चला कर दुकानों से ऐसे पोस्टर्स, पुतलों को हटाने के लिए निर्देशित किया जा चुका है। लेकिन अब देखना होगा कि ये सभी एफ‌र्ट्स हकीकत की जमीन पर कब उतर पाते हैं।

Posted By: Inextlive