When it comes to films Shreyas Talpade feels that the public ultimately buys a ticket for what is entertaining.

बॉलीवुड का हर एक एक्टर किसी न किसी मुकाम पर पहुंचना चाहता है मगर श्रेयस तलपड़े का कहना है कि वह ऐसा नहीं चाहते. ये बात भले ही थोड़ी अजीब लगे मगर उनकी फिल्मों की रिस्की च्वॉइस को देखते हुए तो उनके इस स्टेटमेंट पर यकीन करने का मन करता है. पिछले साल कुछ फिल्मों के ना चलने के बाद वह अपनी लेटेस्ट फिल्म के आउटकम से सेटिस्फाइड दिखाई दे रहे हैं. बॉलीवुड में सीरियस रोल से एंट्री करने के बाद श्रेयस आजकल कॉमिक रोल्स में ज्यादा इंट्रेस्टेड दिखाई दे रहे हैं. यहां वह बता रहे हैं फिल्मों को लेकर अपनी च्वॉइस के बारे में...
बतौर एक्टर आप एक पर्टिकुलर मूवी में क्या देखते हैं?


सबसे पहले कैरेक्टर कुछ नया एक्सप्रेस करने वाला होना चाहिए, इसलिए ये मुझे मिलने वाली स्क्रिप्ट पर डिपेंड करता है. दूसरी चीज फिल्ममेकर्स के साथ एक कम्फर्टेबल रिलेशनशिप बनना चाहिए.
क्या हाउसफुल 2 साइन करने से पहले आपने ये क्राइटेरिया देखे थे?


पूरी तरह तो नहीं! कुछ फिल्में आप दोस्ती के नाते भी करते हैं. साजिद ने मुझे बस पूछने के लिए फोन किया कि क्या मैं इस मल्टीस्टारर सीक्वल का हिस्सा बनना चाहता हूं और मैं तैयार हो गया.


मगर फिल्म क्रिटिक्स तो फिल्म को लेकर ज्यादा पॉजिटिव नहीं हैं?


मैं अपने क्रिटिक्स को नहीं समझ पाता. मुझे बताइए कि आप अच्छे और बुरे सिनेमा के बीच कैसे फर्क करेंगे? लोग जाकर वही देखते हैं जो उन्हें एंटरटेनिंग लगता है. सबसे बड़ी बात सारी फिल्में क्रिटिक्स को खुश करने के लिए तो नहीं बनाई जा सकतीं. किसी भी केस में उनके लिए कुछ भी बहुत अच्छा नहीं होता!
आप क्या प्रिफर करते हैं मल्टी-स्टारर या सोलो फिल्म?


मल्टी-स्टारर फिल्म का अपना अलग चार्म होता है. सेट्स पर इतने सारे एक्टर्स के साथ काम करना अच्छा होता है. मुझे गोलमाल और हाउसफुल जैसी फ्रेंचाइजी का हिस्सा होकर खुशी है. मेरी अगली फिल्म सोलो ही है. ये एक साइंस फिक्शन है जो 3डी में बनी है. मैं बिना किसी खास वजह के ऑफबीट फिल्में तो नहीं करता रह सकता.
क्यों?


मैं ऐसा करूंगा तो रिपिटीशन होगा. जब श्यामबाबू (बेनेगल) एक फिल्म बनाते हैं तो उसकी एक खास ऑडिएंस होती है. मैं इन्हीं लोगों से उम्मीद नहीं कर सकता कि इन्हें मेरी बाकी फिल्में भी पसंद आएंगी. सबका टेस्ट डिफरेंट होता है.
आप अपनी इंस्पिरेशन किसे मानते हैं


बॉलीवुड में तो अमिताभ बच्चन हैं. वह बहुत ही कन्विक्शन के साथ किसी भी कैरेक्टर को निभाते हैं और जो रिस्पेक्ट उन्हें मिलता है वह जबरदस्त है.
क्या आप मराठी सिनेमा भी करना चाहेंगे?


अगर कोई इंट्रेस्टिंग ऑफर मिलेगा तो कौन नहीं करना चाहेगा? मराठी फिल्म इंडस्ट्री बहुत ही अच्छे फेज से गुजर रही है और अच्छी फिल्में दे रही है. बस इसमें एक शाहरुख खान की कमी है.

Posted By: Garima Shukla