-पेड़ की छांव में करीब एक दर्जन दुकानदार कमा रहे रोजी रोटी

-दूसरी साइड के दुकानदारों को पेड़ न होने का मलाल, खाली समय में गुलेर के नीचे बैठ पाते राहत

बरेली: पेड़-पौधे नेचर की खूबसूरत देन जो पब्लिक को सिर्फ फायदे देते हैं. ऐसा ही नजारा कुतुबखाना स्थित डिस्ट्रिक्ट हॉस्पीटल के पास लगे 35 से 40 साल पुराने गुलेर के पेड़ के नीचे देखने को मिला. इस पेड़ की छांव में करीब एक दर्जन दुकानदार दुकान लगा रोजी रोटी कमा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ पक्की दुकानों के दुकानदार धूप और गर्मी की वजह से परेशान दिखे.

अब हम भी लगाएंगे पौधे

गुलेर के पेड़ के नीचे दुकान लगाने वाले दुकानदारों ने बताया कि इस पेड़ के नीचे वे कई सालों से दुकान लगा रहे हैं. गर्मी के मौसम में काफी राहत मिलती है. उन्हें कभी इस बात का अहसास नहीं हुआ कि वह खुले में दुकान लगाते हैं. वहीं दूसरी ओर स्थित दुकानदारों ने बताया कि गर्मी में दुकानें बहुत तपती हैं. अब वह भी अपनी दुकान के सामने पौधे लगाएंगे, जिससे उनके साथ-साथ दूसरे लोगों को भी राहत मिले.

पिता ने लगाया पेड़, बेटा कर रहा देखभाल

आवास विकास में रहने वाले हरीश चंद्र अरोड़ा ने बताया कि यह पेड़ उनके पिता रामलाल ने लगाया था. इसके अलावा उनके पिता ने कई इमली के पेड़ भी लगाए थे, लेकिन वे अब नहीं हैं. अब बस यही एक पेड़ बचा है. जो कई लोगों के रोजगार का ठिकाना बना हुआ है. वहीं इसके नीचे कई राहगीर भी आराम करते हैं.

गर्मी में सबसे ज्यादा सुकून

गर्मी के दिनों में सबसे ज्यादा सुकून मिलता है. छांव की वजह से कस्टमर भी खूब आते हैं. कई बार तो आराम कर रहे राहगीर भी जरूरत न होने पर भी खरीदारी कर लेते हैं.

विशाल कश्यप, सुभाष नगर

दोपहर में इस पेड़ के नीचे सबसे ज्यादा भीड़ होती हैं. जिससे हम लोगों की चांदी हो जाती है. क्योंकि खाली बैठने पर वे कुछ न कुछ खरीद ही लेते हैं.

हरीश चंद्र अरोड़ा, आवास विकास

खाली टाइम में वहीं बैठते

मेरी दुकान की साइड कोई पेड़ न होने से सुबह से धूप लगने लगती है. खाली टाइम में मैं भी उसी पेड़ के नीचे जाकर बैठता हूं.

प्रिय कुमार, दुकानदार

दुकान की छत पर सीधे धूप पड़ती है. जिससे गर्मी के दिनों में दुकान में बैठने में काफी मुश्किल होती है. कई बार पौधा लगाने की सोचता हूं, पर जगह न होने के चलते लगा नहीं पाता.

आरिफ, आजम नगर

Posted By: Radhika Lala